टैरिफ टेंशन के बीच शुरू हुई अमेरिका-भारत की ट्रेड टॉक, क्या निकल पाएगा कोई हल

Highlights भारत-अमेरिका के बीच हालिया तल्खी के बाद संबंधों में सुधार के संकेत। अमेरिका भारत पर डाल रहा रूसी तेल की खरीद बंद करने का दबाव। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर प्रधानमंत्री मोदी से वार्ता पर जताया उत्साह।

नई दिल्ली : भारत एवं अमेरिका के रिश्तों में हाल के दिनों में जो तल्खी  दिखाई दी है, अब उसमें नरमी के संकेत भी देखने के लिए मिलने लगे है, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सख्त टैरिफ के निर्णयों के पश्चात दोनों देशों के मध्य व्यापार वार्ता एक बार फिर से शुरू होने वाली है, इतना ही नहीं ये वार्तालाप  मंगलवार को नई दिल्ली में होने वाली है, जहां अमेरिका के व्यापार अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आ रहा है।

टैरिफ के पश्चात पहली बार होगी वार्तालाप :

इस बार की वार्तालाप खास इसी वजह से है क्योंकि यह ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए भारी शुल्क के पश्चात पहली आमने-सामने की वार्तालाप किया है। इतना ही नहीं ट्रंप प्रशासन ने 27 अगस्त 2025 को भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर दंडात्मक शुल्क भी लगा दिया था। जिसके अंतर्गत 50% तक का शुल्क भी लगा दिया गया है, इसमें 25% शुल्क केवल रूसी तेल पर ही केंद्रित था। जिसकी वजह से इंडिया एवं अमेरिका के मध्य प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement BTA) पर होने वाली छठे दौर की वार्ता को पूरी तरह से टाल दिया है।

व्यापारिक मामलों पर की जाएगी ठोस चर्चा : 

खबरों का कहना है कि भारत सरकार की ओर से वाणिज्य मंत्रालय  के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने इस बात की सूचना दी है कि यह बैठक BTS पर औपचारिक वार्ता बिलकुल भी नहीं है, लेकिन दोनों देशों के मध्य व्यापारिक मामलों पर ठोस चर्चा अवश्य की जाने वाली है। अमेरिकी दल की अगुवाई ब्रेंडन लिंच करने वाले है, जो पहले इंडिया के लिए अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रह रहें है।

राजेश अग्रवाल का इस बारें में कहना है कि यह बातचीत औपचारिक वार्ता का भाग बिलकुल भी नहीं है, लेकिन इसे बातचीत की ‘निरंतरता’ कहा जा सकता है। इसका मकसद दोनों देशों के मध्य व्यापार को लेकर बनी गलतफहमियों को दूर करना एवं आगे के रास्ते तय भी करना है।

बीते हफ्ते तक था तनावपूर्ण माहौल : 

खबरों का कहना है कि बीते कुछ सप्ताह में अमेरिका एवं इंडिया के मध्य वर्चुअल मीटिंग्स हुईं, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। पिछले कुछ वक़्त से माहौल अनुकूल नहीं था क्योंकि अमेरिका भारत पर रूस से तेल खरीद बंद करने का दबाव बना हुआ रहा है। अमेरिका का तर्क है कि इससे रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए फंडिंग भी दी जाती है। वहीं भारत साफ कर चुका है कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों के अनुसार निर्णय सुना देगा।

खबरों का कहना है कि अब ट्रंप का रुख पहले से बहुत ही ज्यादा बदल चुका है बदला हुआ नजर आ रहा है। उन्होंने कुछ समय पहले ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि वे भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से वार्तालाप को लेकर उत्साहित हैं और उन्हें पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के मध्य कोई भी व्यापारिक बाधा जल्द ही दूर हो सकती है। खबरों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस बयान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा कि दोनों देशों की टीमें जल्दी से जल्दी इस बातचीत को परिणाम तक पहुंचना चाहते है।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो नई दिल्ली में हो रही बैठक को दोनों देशों के रिश्तों में एक नया मोड़ कहा जा रहा है। ट्रंप द्वारा अपनाया गया नरम रवैया इस ओर संकेत देता है कि आने वाले वक़्त में भारत और अमेरिका के मध्य व्यापारिक समझौता संभव हो सकता है।

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