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यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है।
नववर्ष 2026 में कुल 12 विनायक चतुर्थी है।
इस दिन ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
हिन्दू कैलेण्डर में माह का चौथा दिन चतुर्थी होता है, चतुर्थी महीने में दो बार (पूर्णिमा और अमावस्या के बाद) आती है। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी कहलाती है और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। हर चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। यह दिन खासतौर पर भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन "ॐ गं गणपतये नमः " मंत्र का जाप करना चाहिए, इससे सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
विनायक चतुर्थी - अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। विनायक चतुर्थी पर व्रत करने और भगवान गणेश की उपासना करने से सुख समृद्धि, ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है। नववर्ष 2026 में कुल 25 चतुर्थीयां है जिसमे 12 विनायक चतुर्थी और 13 संकष्टी चतुर्थी शामिल है। नववर्ष 2026 की पहली विनायक चतुर्थी दिनांक 22 जनवरी बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थ तिथि को होगी। भाद्रपद में शुक्ल पक्ष में आने वाली विनायक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाएगा।
नववर्ष 2026 में विनायक चतुर्थी
• गणेश जयंती (माघ माह) : 22 जनवरी 2026, दिन-बृहस्पतिवार