वक्फ कानून को लेकर ऐसा क्या बोले तेजस्वी कि आचार्य प्रमोद कृष्णम हुए आग बबूला

Highlights महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने कहा कि सत्ता में आने पर वक्फ को लागू नहीं होने देंगे। पूर्व कांग्रेस नेता ने कसा तेजस्वी यादव पर तंज। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पलटवार कर कहा कि तेजस्वी सत्ता में आए तो बिहार में शरिया लागू करेंगे।

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव अभियान के बीच RJD नेता एवं महागठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने बड़ा राजनीतिक बयान दे दिया था। उन्होंने इस बारें में कहा था कि यदि वे सत्ता में आए तो वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंके जाने वाले है। अब उनके इस बयान पर कल्कि धाम के पीठाधीश्वर और पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पलटवार भी किया है।

यूपी के हापुड़ में खड़खड़ी महोत्सव के कवि सम्मेलन में गए प्रमोद कृष्णम ने तेजस्वी यादव के दिए बयान की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस बारें में बोला है कि यदि तेजस्वी सत्ता में आए तो शरीया लागू कर देंगे। तेजस्वी पर तंज कसते हुए कृष्णम में ये भी कहा है कि दिल बहलाने के लिए गालिब यह ख्याल बेहद ही अच्छा है। तेजस्वी यादव यह भूल गए हैं कि सीएम जनता बनाती है, सीएम का कैंडिडेट पार्टियां बनाती हैं।

इतना ही नहीं सीएम का कैंडिडेट बनाना एवं सीएम बनाना दोनों अलग-अलग बातें होती हैं। वहीं तेजस्वी को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि चुनाव के पश्चात, जब परिणाम आएंगे उसके पश्चात मुख्यमंत्री का फैसला होने वाला है। लेकिन उन्होंने अपना मंसूबा जाहिर कर डाला। यदि तेजस्वी यादव सीएम बनते हैं तो बिहार में शरिया लागू करेंगे।

बिहार की जनता कर रही महागठबंधन का समर्थन : डी राजा 

भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने पिछले मंगलवार यानि 21 अक्टूबर 2025 को दावा किया कि महागठबंधन आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर लेगा। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि इस परिणाम का देश की राजनीतिक दिशा पर महत्वपूर्ण असर देखने के लिए मिलेगा, अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए डी राजा ने ये भी कहा है कि बिहार की जनता महागठबंधन का मजबूती से समर्थन कर रही है। उन्होंने इस बारें में ये भी कहा है कि भारतीय जनता पार्टी एवं जदयू हर स्थान, यहां तक ​​कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी, "घबरा" रहे हैं।

राजा ने इस बारें में कहा है कि महागठबंधन (बिहार) चुनाव जीतने जा रहा है एवं इसका राष्ट्रीय राजनीतिक स्थिति पर बड़ा असर पद सकता है। यह देश की राजनीतिक दिशा को प्रभावित करने वाला है। इतना ही नहीं महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) और अन्य दल शामिल हैं।

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