डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ (Trump Tariff) एक बार फिर दुनिया भर में हंगामा मचा रहा है, बीते सोमवार यानि 7 जुलाई 2025 को जापान-साउथ सहित 14 देशों पर ने ट्रंप ने फ्रेश टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है, वहीं इसके पूर्व भी ब्रिक्स को टारगेट बनाते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति की तरफ से बड़ी चेतावनी देते हुए बोला था कि जो देश US Policy के विरुद्ध जाएगा, उसपर 10% Extra Tariff लगा दिया जाएगा। खबरों का कहना है कि ट्रंप की इस चेतावनी को लेकर ब्रिक्स में शामिल सदस्य ने दोनों की कड़ी निंदा भी कर दी है, तो इस बारें में आज हम विस्तार से बातें करते है, कि आखिर ऐसी कौन सी वजह है जिसको लेकर ब्रिक्स देश ट्रंप के टारगेट (Why BRICS Is Trump Target) पर हैं एवं इसमें कई तरह से एक्स्ट्रा टैरिफ का इन देशों पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है इतना ही नहीं इनमे भारत का नाम भी जुड़ चुका है।
आखिर क्या है ब्रिक्स? :डोनाल्ड ट्रंप के एक्स्ट्रा टैरिफ के मायने को समझने से पहले ये जानना जरूरी है कि क्या होता है ब्रिक्स? तो चलिए जानते है, दरअसल दुनियाभर की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक ग्रुप है, इसके संस्थापक मेंबर देशों में रूस, भारत, चीन, ब्राजील, और दक्षिण अफ्रीका हैं। दरअसल, इसका नाम भी इन्हीं 5 देशों के पहले अक्षर के साथ बनाया गया है।
इतना ही नहीं ब्रिक्स की स्थापना वर्ष 2009 में की गई थी वहीं 1 जनवरी 2024 को ईरान इथियोपिया, इंडोनेशिय, मिस्र, और संयुक्त अरब अमीरात को इस संगठन में शामिल कर लिया गया था, सऊदी अरब भी इसमें इन्वाइट राष्ट्र के रूप में ग्रुप की गतिविधियों में हिस्सा ले रहा है, हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर यह शामिल नहीं हो पाया है, ब्रिक्स का असली उद्देश्य उभरती अर्थव्यस्थाओं वाले देशों में आर्थिक मदद नहीं दी गई, इतना ही नहीं ब्रिक्स का उद्देश्य अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में आर्थिक सहयोग, विकास एवं वैश्विक संतुलन को अच्छा बनाना है।
ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को किस बात के लिए चेताया? :अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले कुछ माह पूर्व यानि 2 अप्रैल 2025 को विश्व के तमाम देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा भी कर दी थी, एवं इसके पश्चात इसे 90 दिनों के लिए रोक दिया गया था, एवं इस छूट की आखिरी तारीख 9 जुलाई 2025 को खत्म होने जा रही थी, वहीं इसे 1 अगस्त 2025 तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन इससे पूर्व सोमवार 7 जुलाई 2025 से ही ट्रंप ने अपना टैरिफ का बम फोड़ना शुरू कर डाला इतना ही नहीं जापान एवं साउथ कोरिया के साथ साथ मलेशिया, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, बोस्निया, बांग्लादेश, सर्बिया, कंबोडिया म्यांमार, लाओस, दक्षिण अफ्रीका, कजाकिस्तान, और थाईलैंड पर 25 फीसदी से 40 फीसदी तक टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है, इतना ही इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया के माध्यम से ब्रिक्स देशों के लिए चेतावनी भी जारी कर दी है।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट में लिखते हुए कहा है कि जो भी देश ब्रिक्स की की एंटी-अमेरिकन पॉलिसी का समर्थन करने के लिए उतरने वाले है। इतना ही नहीं उनपर 10 प्रतिशत का एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया जाने वाला है, एवं अमेरिका की इस निति में में किसी भी तरह की कोई छूट देने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है, खबरों की माने तो ब्राजील के रियो डी जनेरियो में हाल ही में संपन्न हो चुके ब्रिक्स शिखर सम्मलेन के पश्चात जारी एक घोषणापत्र में US Tariff की कड़ी निंदा भी की गई, जिसके पश्चात डोनाल्ड ट्रंप की ये तीखी प्रतिक्रिया भी सामने आ चुकी है।
इस वजह से ब्रिक्स को टारगेट कर रहे ट्रंप! :खबरों की माने तो टैरिफ की निंदा ही एकमात्र वजह है कि जिसे लेकर ट्रंप ने ब्रिक्स पर निशाना साध दिया है, या फिर इसके पीछे का कारण कुछ और भी है, अब तक मिली जानकारी के अनुसार हवाले से पहली बात ये तो बोली जा रही है कि इस वर्ष अमेरिका की करेंसी डॉलर में आई भारी गिरवाट एवं बीते कुछ वक़्त में US की अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से ट्रंप को ऐसा लगता है कि हर कोई अमेरिका के विरुद्ध है ।
इतना ही नहीं विश्व बड़े देशों द्वारा डॉलर के इस्तेमाल को कम करने की दिशा में कदम उठाना भी एक्स्ट्रा टैरिफ के पीछे का कारण कहा जाता है। इसका बड़ा उदाहरण देखा जाए तो BRICS के संस्थापक सदस्य देशों में शामिल आर्थिक रूप से मजबूत रूस और चीन आपस में अपनी करेंसी में अब भी ट्रेड कर रहे है। इतना ही नहीं वर्ष 2022 में तो रूस ने ब्रिक्स देशों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय करेंसी का प्रस्ताव भी दे दिया है। वहीं डॉलर पर बड़े देशों की निर्भरता कम होना अमेरिका के प्रभुत्व के लिए एक बड़ा खतरा बनकर सामने आ सकता है लेकिन इसको लेकर ट्रंप ने बड़ी चिंता भी व्यक्त की है।