रूसी तेल के लिए क्या सच में सरकार की बात मानेंगे अंबानी

Highlights EU ने 19वां सैंक्शन पैकेज मंजूर किया, जिसमें रूसी LNG आयात पर बैन। ट्रंप ने लुकोइल और रोसनेफ्ट पर प्रतिबंध लगाए, यूक्रेन युद्ध के फंडिंग का आरोप। भारत ऊर्जा सुरक्षा और कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में बढ़ रहा आगे।

मुंबई : रूस से सबसे अधिक कच्चा तेल खरीदने वाली भारतीय कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Ltd) अब अपनी तेल आयात नीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि वह भारत सरकार की नई गाइडलाइनों के अनुरूप रूस से तेल आयात को पुनः समायोजित (recalibrate) करेगी। रिलायंस के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा, “रूस से तेल आयात में समायोजन की प्रक्रिया जारी है और कंपनी भारत सरकार की नीतियों के अनुरूप पूरी तरह तालमेल बैठाएगी।” यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका और यूरोप ने रूस पर नई आर्थिक पाबंदियां लगाई हैं, जिनका सीधा असर वैश्विक तेल व्यापार पर पड़ रहा है।

रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध :

अमेरिकी राष्ट्रपति  डोनाल्ड ट्रंप  ने बुधवार को  यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर ताज़ा सैंक्शन की घोषणा की। इस बार अमेरिकी कार्रवाई का निशाना बनी हैं रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियां – Lukoil और Rosneft । इन दोनों कंपनियों पर यह आरोप है कि वे क्रेमलिन की युद्ध मशीन को फंड  कर रही हैं। इसके साथ ही यूरोपीय यूनियन (EU) ने भी रूस पर 19वां सैंक्शन पैकेज मंज़ूर किया है, जिसमें रूसी LNG (Liquefied Natural Gas) के आयात पर प्रतिबंध शामिल है। ब्रिटेन ने भी बीते हफ्ते इन्हीं दो कंपनियों पर पाबंदी लगाई थी।

अब अमेरिकी सैंक्शनों के बाद भारत की सरकारी तेल कंपनियां अपने दस्तावेज़ों और सौदों की समीक्षा कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका कोई अनुबंध इन प्रतिबंधित कंपनियों से जुड़ा न हो।  

ट्रंप का कड़ा संदेश और वैश्विक असर :

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा, “जब तक राष्ट्रपति पुतिन यह बेवजह की जंग खत्म नहीं करते, तब तक हम रूस की ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को कमजोर करते रहेंगे। हम अपने सहयोगियों से भी इन सैंक्शनों का पालन करने की अपील करते हैं।” इन प्रतिबंधों का असर तुरंत तेल बाजार पर पड़ा। ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें दो डॉलर प्रति बैरल से अधिक बढ़कर करीब $64 प्रति बैरल तक पहुंच गईं।

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हंगरी में प्रस्तावित बैठक रद्द कर दी है, क्योंकि “अभी इसका सही समय नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि “ये पाबंदियां लंबे समय तक नहीं चलेंगी।”

भारत पर असर :

ट्रंप प्रशासन पहले भी भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा चुका है, यह कहते हुए कि भारत रूस से सस्ते दामों पर तेल खरीदकर अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचा रहा है। हालांकि, चीन जो रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है, उसे इस टैरिफ से छूट मिली हुई है। गुरुवार, 23 अक्टूबर को सुबह 10:48 बजे तक रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर ₹1,463.85 पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले सत्र से ₹1.30 नीचे था। रिलायंस का यह कदम संकेत देता है कि भारत वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच ऊर्जा सुरक्षा और कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में रणनीतिक रूप से आगे बढ़ रहा है।

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