कई महिलाओं को प्रसव के बाद स्तनों से दूध न निकलने की समस्या होती है और इसका प्रत्यक्ष प्रभाव उनकी संतान पर पड़ता है। मां का दूध, बच्चे के लिए बेहद आवश्यक होता है। मां के शरीर में दूध का न बनना, हारमोन्स की कमी को दर्शाता है। ये परिवर्तन, सही पोषक तत्व न लेने, कोई बीमारी होने या गर्भनिरोधक गोलियों के लम्बे समय तक सेवन के कारण होते हैं।
ऐसे में मां को अपना बेहद ख्याल रखना पड़ता है और ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए ताकि उसके स्तनों में दूध का निर्माण होने लगे और बच्चे को उसका भोजन मिल जाएं। आइए जानते हैं मां के स्तनों में दूध बनाने के वाले कुछ आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर फूड के बारे में में:
मेथी के दाने
मेथी के दानों में फाइटोएस्ट्रोजन होता है जो स्तन ग्रंथियों को बूस्ट करने में मदद करते हैं और नई माताओं के स्तनों में दूध की मात्रा को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इस दानों को रात भर पानी में भीगने दें और सुबह इसे उबालकर, छानकर पी लें।
शतावरी
यह एक पांरपरिक आयुर्वेदिक औषधि है जो नई माताओं के दूध की मात्रा बढ़ाने में मदद करती है। दो चम्मच शतावर को पानी के साथ फंाक लें। इसके कैप्सूल भी बाजार में उपलब्ध हैं, आप उनका भी सेवन कर सकती हैं।
जीरा
जीरे में ऐसे गुण होते हैं जो नई माता के शरीर में दूध की मात्रा को बढ़ा देते हैं और उसके शरीर को शक्ति प्रदान करते हैं। जीरे के पाउडर को चीनी के साथ बराबर मात्रा में (लगभग एक चम्मच) लें और गुनगुने पानी के साथ ले लें।
दालचीनी
दालचीनी से दूध में फ्लेवर आ जाता है जिससे बच्चे को स्तनपान करने में महक नहीं लगती है। इसका सेवन करने के लिए एक चुटकी दालचीनी पाउडर और एक चम्मच शहद लें और इसे गुनगुने पानी के साथ लील लें। कुछ ही दिनों में असर दिखना शुरू हो जाएगा।
लहसुन
लहसुन के सेवन से नई मां के शरीर में दूध का उत्पादन होता है। भोजन बनाते समय सब्जी में दो कली लहसून की डालने से लाभ मिलता है।