अक्सर यह देखा गया है कि छोटे भाई-बहनों में अधिकतर समय झगड़ा होना आम बात हैं। लेकिन इसमें माता-पिता केवल दर्शक बन कर रह जाते हैं। वो सोचते है कि अगर वो झगड़े के बीच में आएगे तो उनक बच्चे क्या सोचेंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। कुछ ऐसे तरीके है जिनके अपनाकर हम काफी हद तक बच्चों के झगड़े मिटाकर उनमें प्यार या अपनापन पैदा कर सकते हैं।
जब कभी बच्चों के बीच झगड़ा हो तो उनको अपने पास बैठकार एक दूसरे की अच्छाई के बारे में पूछे। ऐसा करने से उनकी लड़ाई खत्म हो जाएगी।
जब बच्चे एक-दूसरे की गलती बताएं तो आप उनसे अकेल में पूछे कि कभी ऐसा हुआ है कि उसने तुम्हारी मदद की है। इसी प्रकार से दूसरे भी यही कहें। तो उनसे कहे कि आप दोनों जब एक-दूसरे मदद करते है तो फिर झगड़ा क्यों करते हैं।
जब बच्चे आपस में झगड़ रहे हो तो किसी का पक्ष ना ले। भूलकर भी बड़े बच्चे से ना कहे कि तुम बड़े हो तुम्हें सोचना चाहिए। पहले बातें सुने और जिस की गलती हो उसको समझाए या उसको उसकी गलती बताएं।
अगर बच्चों में झगड़ा अधिक हो। तो दोनों बच्चों को अलग कर दे। उनको अलग-अलग खेलने के भेज दें। ताकि वो किसी दूसरे काम में व्यस्त हो जाएगे और झगड़े को भूल जाएंगे।
बच्चों को हमेशा यह समझाए कि झगड़ा करने से कोई फायदा नहीं होता है। प्यार से रहना ही काफी फायदेंमद है। जो काम शांति से हो सकता है। उसके लिए लड़ाई-झगड़े करने जरूरत नहीं होती हैं। झगड़ा खत्म करने के बारे में सोचो।