एकता ने बताई अपने ज़िंदगी के स्ट्रगल की कहानी, कोई सीरियस नहीं लेता था पहले

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एकता कपूर इस बात से बेहद खुश हैं कि उनकी प्रोडयूस की गयी फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ बॉक्स आॅफिस पर भी कामयाब हुई है। एकता कहती हैं कि अगर वह इस फिल्म को देखने के बाद भी इस फिल्म को सपोर्ट नहीं करतीं तो शायद वह खुद को कभी माफ़ नहीं कर पातीं। एक बातचीत में एकता ने बताया “यह सच है कि फिल्म में जितने भी औरतों के किरदार हैं, उनमे से कोई भी मेरी ज़िंदगी से मेल नहीं खाते लेकिन फिर भी मुझे फिल्म से एक कनेक्शन जरूर महसूस हुआ।

मेरे मन में यह आई कि ऐसी कहानी कई महिलाओं की होती रही होगी।” एकता कहती हैं कि जब उन्होंने शुरुआत की थी और तय किया था कि वह नया व्यवसाय शुरू करेंगी। उनकी मां के साथ मिल कर उन्होंने निर्णय लिया था लेकिन उस वक्त उन्हें कोई भी गंभीरता से नहीं लेता था।

जब वह मीटिंग्स के लिए बड़े लोगों के पास जाती थीं, फायनेंसर्स के पास जाती थीं तो लोगों को लगता था ये मज़ाक कर रही हैं। हम दो महिलाएं कैसे बिजनेस शुूरू करेंगी? कैसे काम करेंगी? कोई सीरियस नहीं लेता था। बातें बना कर हमें वापस भेज दिया जाता था। उस वक्त मुझे यह बात समझ आयी थी कि कई बार महिलाओं को कम आंक लिया जाता है।