पिता के डिप्रेशन का बच्चे पर भी होता है असर

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गर्भावस्था के समय मां का डिप्रेशन में रहने से बच्चे के स्वास्थ्य पर असर पड़ने की बात तो सभी को पता है लेकिन क्या आप को पता है कि पिता के डिप्रेशन में रहने की समस्या से भी बच्चे के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है. अध्ययन में सामने आया है कि पिता के डिप्रेशन में रहने के कारण मां के गर्भ में पल रहे बच्चे का जन्म कई बार समय से पहले हो जाता है. जो कि कई बार जोखिम भरा हो सकता है.

स्वीडन की ‘सेंटर फॉर हेल्थ इक्विटी स्टडीज’ की डॉक्टर एंडर्स जर्न ने बताया कि “अवसाद से पीड़ित माता-पिता दोनों को ही अविकसित संतान के जन्म के लिए जिम्मेदार माना जाना चाहिए. बच्चे के गर्भ में रहते समय उन दोनों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की जांच होनी चाहिए.ताकि बच्चा स्वस्थ पैदा हो.

जर्न ने बताया कि “साथी का डिप्रेशन में रहना गर्भवती महिला के लिए अवसादग्रस्त होने की सबसे बड़ी वजह हो सकती है. इसकी वज़ह से संतान के समय से पहले जन्म लेने का खतरा बढ़ जाता है.

जर्न के अनुसार “पिता के डिप्रेशन में रहने से शुक्राणु की गुणवत्ता (स्पर्म क्वॉलिटी) पर विपरीत प्रभाव पड़ता है . और संतान के DNA पर एपिजेनेटिक प्रभाव पड़ता है. पिता के डिप्रेशन में रहने से बच्चे का कॉर्ड के इम्प्लिमेंटेशन भी बाधित होता है. हालांकि इस समस्या का इलाज संभव है.