अंतिम विश्राम के लिए भी नहीं होती है यहाँ जगह

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हर किसी के जीवन में ये घड़ी आती है जब जीवन के बाद मृत्यु के आगोश में जाना पड़ता है इसे ही अंतिम विश्राम कहा जाता है। लेकिन प्रतापगढ़ में एक समुदाय ऐसा भी है जो अपने अंतिम विश्राम को लेकर तरस रहा है। इस समुदाय के लोगों को अंतिम संस्कार के लिए अन्य जिलों में ले जाया जाता है। जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

यहां जिला कलक्टर की जनसुनवाई में लोगों ने भूमि आवंटन की मांग की है। ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा कब्रिस्तान की जमीन आवंटित करने की मांग को लेकर जिला कलक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है। ईसाई समुदाय के सचिव के अनुसार प्रतापगढ़ में उनके समुदाय के लगभग दो सौ परिवार रहते हैं। यहां इस समाज के लोगों के लिए कब्रिस्तान के लिए भूमि नहीं है। किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए बांसवाड़ा या अन्य जिलों में जाना पड़ता है। उन्होंने कब्रिस्तान के लिए शीघ्र भूमि आवंटित कर उनकी समस्या का समाधान करने की मांग की है।