एक इंटरनेट विशेषज्ञ ने कहा है कि ब्लू व्हेल चैलेंज नाम के खेल पर पाबंदी की मांग के बावजूद हो सकता है कि उस पर रोक नहीं लग सके । माना जा रहा है कि इस खेल की वजह से मुंबई के 14 साल के एक लडक़े ने खुदकुशी कर ली। राज्यसभा और महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्यों ने हाल में ब्लू व्हेल चैलेंज पर पाबंदी का मुद्दा उठाया था। जनप्रतिनिधियों ने ऐसे खेलों को वेबसाइट से हटाने का प्रावधान करने की मांग की थी। सेंटर ऑफ इंटरनेट एंड सोसाइटी के उद्धव तिवारी ने यहां कहा कि ब्लू व्हेल चैलेंज ऐसा कोई खेल नहीं है जिसे किसी फोन पर या किसी वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सके और प्रतिबंधित हो सके।
तिवारी ने भाषा को बताया, चूंकि चैलेंज के लिए कोई खास वेबसाइट या ऐप्लीकेशन नहीं है, इसलिए इसे प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता……यह तब तक नहीं हो सकता जब तक आप इंटरनेट को ही पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं कर दें। पीटीआई-भाषा ने प्ले स्टोर और कई वेबसाइटों पर इस खेल का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन यह कोशिश बेनतीजा रही। यह चैलेंज तभी लिया जा सकता है जब इसे शुरू करने वाले भावी यूजरों के संपर्क में आते हैं। ब्लू व्हेल को जितनी बार डाउनलोड करने की कोशिश की गई, उतनी बार यह बच्चों के उस खेल तक ही पहुंचा जा सका जिसमें एक एनिमेटेड व्हेल को कई बाधाएं पार करनी पड़ती है।
पीटीआई-भाषा ने एक अन्य ब्लू व्हेल चैलेंज खेल का लिंक एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ को भेजा, लेकिन यह कुख्यात चैलेंज का सकारात्मक विकल्प निकला, जिसमें खिलाडिय़ों से कहा जा रहा है वे प्रेरणादायक कामों में हिस्सा लें। यह खेल इस संदेश के साथ खत्म होता है कि खिलाडिय़ों की जिंदगी बहुमूल्य है। जानलेवा ब्लू व्हेल 50 दिनों का चैलेंज है, जिसकी शुरूआत संभवत रूस में हुई थी। रूस और मध्य एशियाई देश कजाखस्तान और किर्गिस्तान में 130 से ज्यादा लोग इस खेल के कारण मर चुके हैं। हाल में मुंबई में रहने वाले मनप्रीत साहनी ने सात मंजिल की एक इमारत से कूद कर खुदकुशी कर ली थी। माना जा रहा है कि वह भारत में ब्लू व्हेल का पहला पीडि़त है। इस खेल में 50 दिन तक हर दिन एक टास्क यानी काम दिया जाता है और वे सब जानलेवा होते हैं। भाषा