जानिए स्तन कैंसर होने के कुछ कारण !

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वर्तमान समय में जिस तरह से वायु प्रदूषण बढ़ रहा हैं ये स्वास्थ्य के लिए गहरा खतरा बनता जा रहा है। इससे ज्यादातर पीडि़त तो वे लोग रहते हैं जिन्हें कैंसर होता हैं और ये खतरा अब स्तन कैंसर वाली महिलाओं के लिए जानलेवा बनता जा रहा है।

हाल ही में अमेरिका के फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने मैमोग्राफिक स्क्रीनिंग करा रही 2.80 लाख महिलाओं का अध्ययन किया। इसके साथ ही जिस इलाके में यह महिलाएं रह रही थीं वहां के वायु प्रदूषण का आंकड़ा भी लिया गया।

शोधकर्ताओं ने कहा कि स्तन की स्थूलता मैमोग्राफी से नापी जाती है जो स्तन में विभिन्न उत्तकों की सापेक्ष मात्रा को दर्शाते हैं। स्थूल स्तन में फाइब्रोग्लैंडुलर उत्तकों की मात्रा ज्यादा होती है जो मैमोग्राफी के दौरान नजर नहीं आते और स्तन ट्यूमर जैसी असमानताओं की पहचान भी मुश्किल हो जाती है।

अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक पीएम 2.5 की एक इकाई की बढ़ोतरी किसी महिला में स्थूल स्तन की आशंका को चार फीसदी तक बढ़ा देती है और इसी के अनुसार ज्यादा मात्रा में वायु में ही विषाणु पाये जाते हैं जो सांस के जरिये कैंसर जैसी बीमारी को बढ़ावा देते हैं। जिससे ये खतरा जानलेवा बनता जा रहा हैं।