लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में अभी और हो सकती है देर

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लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में अभी और देर हो सकती है, क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने यह तह करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर किस तरह, सर्वश्रेष्ठ तरीके से और जल्द अमल किया जा सकता है। दो घंटे 45 मिनट तक चली विशेष आम सभा (एसजीएम) में कोई अंतिम फैसला नहीं किया जा सका, जैसा कि प्रशासकों की समिति (सीओए) ने रविवार को राज्य इकाइयों के साथ बैठक के दौरान आग्रह किया था। बैठक में पूर्व अध्यक्ष और विवादों के घेरे में रहे एन श्रीनिवासन भी मौजूद थे।

कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने बैठक के बाद कहा, ‘कल (मंगलवार को) पांच या छह सदस्यों की एक समिति गठित की जाएगी, जो यह देखेगी कि सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख आदेश कैसे सर्वश्रेष्ठ तरीके से और जल्द लागू किए जा सकें। समिति अगले दो दिन में काम करना शुरू कर देगी और इसे अपनी रिपोर्ट एक पखवाड़े के अंदर सौंपनी होगी।’ जो प्रमुख मुद्दे हैं उनमें ‘एक राज्य एक मत’, 70 साल की आयुसीमा, हर तीन साल बाद कूलिंग ऑफ पीरियड और वर्तमान की तीन की जगह फिर से पांच सदस्यीय चयन समिति गठित करना शामिल हैं।

अन्य मुद्दे जैसे पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज के बारे में चौधरी ने एक बार फिर से का रवैया साफ किया। उन्होंने कहा कि वह सरकार से अनुमति मिलने पर ही अपने इस चिर-प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ खेल सकते हैं। चौधरी ने कहा, ‘ ने 2014 में जिस पत्र पर हस्ताक्षर किए थे उसके आधार पर हमने पीसीबी अधिकारियों से मुलाकात की। यह जरूरी था। हमारी स्थिति अब भी पहले जैसी ही है। सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही दौरा हो सकता है।’