क्रिकेट में 1 अक्टूबर से लागू होंगे यह नए नियम

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अब अगर क्रिकेट मैदान पर खिलाड़ियों ने हिंसा, दुर्व्यवहार या कोई ओझी हरकत की तो अंपायर उन्हें बाहर भेज सकता है। आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति ने इस हफ्ते लंदन में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में भारत के अनिल कुंबले की अगुआई वाले पैनल की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। आईसीसी ने यह भी फैसला किया है कि अगर बॉलिंग टीम डीआरएस के तहर LBW की अपील करती है और इस दौरान अंपायर का फैसला गलत निकलता है तो उसका डीआरएस बरकरार रहेगा। डीआरएस का इस्तेमाल अब टी20 क्रिकेट में भी होगा।

आईसीसी द्वारा अपनाए जाने वाले कानूनों में अन्य प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं- अब बल्ले की गहराई और कोर को आईसीसी के मुताबिक ही रखा जाएगा। इसके अलावा अगर बल्लेबाज का बल्ला रनिंग करते हुए या डाइव मारते समय क्रीज के अंदर है, लेकिन उठा हुआ है, तब उसे आउट नहीं दिया जाएगा। आईसीसी के ये सारे नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे। मार्च में एमसीसी के क्रिकेट प्रमुख जान स्टीफनसन ने कहा था, ‘‘समय आ गया है कि खिलाड़ियों के खराब बर्ताव के लिए सजा लागू की जाए और शोध बताते हैं कि जमीनी स्तर पर उभरते हुए अंपायर इसके कारण खेल से दूर हो रहे हैं।’

उन्होंने कहा था, ‘‘उम्मीद करते हैं कि ये सजाएं अनुशासनात्मक मामलों से निपटने के लिए उन्हें अधिक आत्मविश्वास देंगी और साथ ही खिलाड़ियों को ऐसा करने से रोकने का काम करेंगी।’ रन आउट के संदर्भ में एमसीसी ने बयान में कहा था, ‘‘अगर बल्ला (हाथ में पकड़ा हुआ) या बल्लेबाज का कोई भी अंग क्रीज को पार करके जमीन को छूता है और विकेट गिराए जाने के दौरान अगर यह संपर्क टूट जाता है तो बल्लेबाज को रन आउट होने से बचाव मिलेगा अगर वह दौड़ या कूद लगा रहा..रही है और विकेट की ओर जा रहे हैं।’ वहीं गलत बर्ताव पर एमसीसी ने ये जानकारी दी थी।