अस्थमा होने के कारण हो सकता है पॉल्यूशन

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अस्थमा आज के समय में एक सामान्य रोग माना जाता है। इस समय तेज गर्मी पड़ रही है। इसकी वजह से गर्म हवाओं के साथ धूलकण अधिक प्रभावी हो गए है। इसका कारण गर्मी, बढ़ते वाहन और औद्योगिक इकाइयों से होने वाले वायु प्रदूषण को जिम्मेदार माना जा सकता है। क्योंकि प्रदूषण की वजह से धूल कण अस्थमा रोगियों की संख्या और परेशानी को बढ़ा देता है।

अस्थमा को लोग प्राय: सामान्य बीमारी की तरह लेते है। लेकिन अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया जाए और अस्थमा का अटैक आ जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। अस्थमा का शिकार कोई भी व्यक्ति हो सकता है। आइए जानें किन कारणों से गर्मियों में यह समस्या बढ़ जाती है।

वहीं इस मौसम में धूल ज्यादा उड़ती है। इससे भी एलर्जी होने के साथ-साथ व्यक्ति अस्थमा का शिकार हो जाता है। इस रोग के शिकार बच्चे ज्यादा जल्दी हो जाते हैं।
बाहर धूप से घर आने पर बच्चे अक्सर ठंडा पानी पी लेते हैं ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, बर्फ के गोले व अन्य चीजें खा लेते हैं। गर्मी में ठंडी चीजों की वजह से बच्चों में खांसी, कफ व गले का इंफेक्शन ज्यादा हो रहा है।
बरसात आते ही अस्थमा के मरीजों में 20 से 25 प्रतिशत का इजाफा हो जाता है। डॉक्टर के अनुसार ऐसा मौसम बदलने के कारण हो सकता है। दरअसल अस्थमा का कारण इंफेक्शन भी होता है।
अक्सर पल्यूशन या अन्य कारणों से व्यक्ति के गले व नाक में इंफेक्शन हो जाता है, जिस कारण वह सांस ठीक से नहीं ले पाता। ऐसी स्थिति में अस्थमा मरीजों को सामान्य व्यक्ति के मुकाबले सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होती है।