वेज्ञानिको द्वारा अब कीड़े की तरह चलने वाला साफ्ट रोबोट बिकसित किया गया है. जैव प्रेरित यह नन्हा रोबोट ढलान पर चढ़ने के अलावा दरारों में प्रवेश कर सकता है। यह अपने वजन का दस गुना अधिक भार भी ले जाने में सक्षम है. पोलैंड की वारसा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह उपलब्धि हासिल की है.
जानकारी के अनुसार, पोलैंड की वारसा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को कीड़े जैसा रोबोट विकसित करने में कामयाबी मिली है. इसे लिक्विड क्रिस्टल इलास्टोमेर तकनीक के उपयोग से तैयार किया गया है. 15 मिमी लंबे इस रोबोट को ग्रीन लाइट से ऊर्जा मिलती है. इसे लेजर किरण के माध्यम से संचालित किया जाता है. दशकों से वैज्ञानिक विभिन्न जीवों की तरह चलने वाले रोबोट बनाने के प्रयास में जुटे हुए हैं.
इस तरह के जीव चलने के लिए अपने मुलायम शरीर का इस्तेमाल करते हैं। जैसे केंचुआ, घोंघा और कीड़े जटिल महौल में भी असानी से चल सकते हैं. हालांकि अभी तक ऊर्जा प्रबंधन और रिमोट कंट्रोल में दिक्कतों के चलते साफ्ट रोबोट को बनाया जाना सीमित था. अब लिक्विड क्रिस्टल इलास्टोमेर के विकास से इस तरह के रोबोट को बनाया जाना संभव हो गया है. शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई कि इससे सूक्ष्म रोबोट के निर्माण की दिशा में नई राह खुल सकती है.