शाहरुख़ खान ने अपने फिल्मी करियर के 25 साल पूरे कर लिए हैं। ऐसे में उनकी जिंदगी के अहम पड़ाव में एक पड़ाव यह भी था, जब उन्होंने पहली बार कैमरा फेस किया था। शाहरुख़ अपने उस दौर को याद करते हुए कहते हैं कि वह दौर उनके लिए बहुत खास था, चूंकि उससे पहले तो उन्होंने कभी कैमरा देखा ही नहीं था।
शाहरुख़ बताते हैं कि सबसे पहले एक प्रदीप किशन ने फिल्म बनाई थी और अरुंधति रॉय ने वह फिल्म लिखी थी, तो उन्होंने एक्टर्स लिए थे। चाणक्यपुरी दिल्ली में एक छोटा सा अपार्टमेंट था, वहां उन्होंने एक्टर्स को बुलाया था। वहां पहली बार मैंने कैमरा देखा था। शाहरुख़ बताते हैं कि उस वक़्त वीडियो कैमरा बहुत नयी चीज थी। उस समय कैमरा लगा कर अपने आप को टीवी पर देख सकते थे, उससे पहले तक मैं सिर्फ थियेटर कर रहा था। अर्जुन राज, दिव्या सेठ जैसे सारे दोस्त थे मेरे वहां। शाहरुख़ कहते हैं कि मैंने वहां उस फिल्म से काफी कुछ सीखा। हालांकि उस फिल्म में मैं आगे कंट्रीब्यूट नहीं कर पाया।
शाहरुख़ आगे बताते हैं कि महमूद साहब के बेटे मेहगी, जो कुंवारा बाप में बच्चे के रोल में थे। महमूद साहब हमारे घर के करीबी दोस्त थे, बंगलोर में हम साथ रहते थे। तो मेह्गी के पास वीडियो कैमरा था, तो उन्होंने जब यह जाना कि मैं एक्टर बनना चाहता हूं तो वह शूट करके मम्मी को दिखाते थे।