जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर सुर्खियों में आए कलकत्ता हाईकोर्ट के जज सीएस कर्णन पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्णन की दिमागी जांच के आदेश दिए हैं। कर्णन ने एक चिठ्ठी लिखकर कई जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के सरकारी अस्पताल को ये मेडिकल बोर्ड बनाने के लिए कहा है। सर्वोच्च अदालत ने पश्चिम बंगाल पुलिस को आदेश दिया है कि वो जस्टिस कर्णन की मानसिक जांच कराने में मेडिकल बोर्ड की मदद करे।
जस्टिस कर्णन पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला चल रहा है। आरोपों के मुताबिक कर्णन ने पीएम नरेन्द्र मोदी को चिठ्ठी लिखकर कई जजों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। इसी चिठ्ठी के आधार पर मामले की जांच शुरु हो गई थी। 31 मार्च को पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कर्णन को चार हफ्ते का समय देकर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था।
जस्टिस कर्णन को लेकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि या तो वह अपनी चिट्ठी पर माफी मांगेंगे या फिर लगाए गए आरोपों पर कायम रहेंगे। लेकिन सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान जज सीएस कर्णन हाज़िर ही नहीं हुए। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल में जज सीएस कर्णन की दिमागी जांच कराकर उसकी रिपोर्ट 8 मई को अदालत में जमा की जाए।