बच्चे को सुलाते समय नहीं लगाना चाहिए तकिया

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कई लोगों का ऐसा मानना होता है कि हाल ही में जन्मे बच्चे और छोटे शिशुओं को तकिया लगाना उनके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होता है। ये सही बात है। छोटे बच्चों को तकिया लगाना खतरनाक साबित हो सकता है।

इसलिए बेहतर होगा कि उन्हें मां की गोद में या फिर बिस्तर पर सीधे ही सुलाया जाएं। क्या आप जानना चाहते हैं कि बच्चे को तकिया क्यों नहीं लगाना चाहिए तो इसके पीछे निम्न कारण होते हैं:

दम घुटना – तकिया लगाने से बच्चे की सांस नली अंदर से मुडक़र दब सकती है। चूंकि उनका शरीर काफी नाजुक होता है तो ऐसे में ये समस्या हो सकती है।

अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम – तकिया को लगाने से बच्चे में अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम हो सकता है क्योंकि तकिया लगाने से सांस नली अवरूद्ध हो सकती है।

ओवरहीटिंग – फैंसी तकिए गर्म होते हैं और बच्चे को लगाने से उनके सिर में गर्मी पैदा हो सकती है जिससे उन्हें नुकसान ही पहुँचेगा। कई बार यह जानलेवा भी होता है।

गर्दन मुडऩा – तकिए इतने ज्यादा गुदगुदे होते हैं कि उनसे गर्दन मुडऩे का डर रहता है। बच्चों के गले के पास की हड्डी बहुत नाजुक होती है, अगर वह खिसक जाती है तो बच्चा बहुत रोता है। ऐसे में तकिया लगाना, इस समस्या को पैदा कर सकता है।

सपाट सिर होना- बच्चे को तकिया लगाने से उसका सिर फ्लैट हो सकता है, क्योंकि उसे सिर पर लगातार प्रेशर पड़ता रहता है।

बच्चे को हमेशा अपनी बैक पर सुलाएं न कि सीने पर।
2 साल ही उम्र तक बच्चे को तकिया न लगाएं।
बच्चे का तकिया, फ्लैट और फर्म होना चाहिए।
बच्चे के सिर की स्थिति हर दो घंटे में बदलते रहना चाहिए।
बच्चे के रूम में कोयला, हीटर या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लगाकर न छोडें।