
कहते है कि पारिजात के वृक्ष को छूने मात्र से सारी थकान मिट जाती है। पारिजात वृक्ष पुरे भारत में पाये जाते है, पर किंटूर में स्तिथ पारिजात वृक्ष अपने आप कई मायनों में अनूठा है तथा यह अपनी तरह का पुरे भारत में इकलौता पारिजात वृक्ष है। इसके फूल, पत्ते और छाल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। जिन लोगों को गठिया की शिकायत होती है, उनके लिए पारिजात एक रामबाण औषधि है। ऐसी ही और भी कई बीमारियों में ये वृक्ष कारगर है, आईये जानते है….
गठिया के दर्द से राहत
अगर आप भी गठिया के दर्द से परेशान है तो पारिजात पेड़ के पांच पत्ते तोड़कर पत्थर पर पीस कर चटनी बना दें। फिर इस चटनी को एक ग्लास पानी में गर्म करें और ठंडा करके सेवन करें ऐसा करने से बीस-बीस साल पुराना दर्द ठीक हो जाता है। पारिजात के पत्तों को पीसकर गर्म पानी में डालकर पीने से कई तरह के बुखार आसानी से ठीक हो जाते हैं। डेंगू का बुखार या चिकनगुनिया यदि दवा से ठीक नहीं हो ऐसे में आप इस पत्ते से इन रोगों को आसानी ठीक कर सकती हैं।
बवासीर के रोग से राहत
बवासीर के रोग के लिए पारिजात एक रामबाण औषधि है। बवासीर के रोग को ठीक करने के लिए इसके एक बीज का सेवन प्रतिदिन करें
हृदय के रोग से मुक्ति
पारिजात के फूल हृदय रोगियों के लिए उत्तम औषधि है। इसके फूलों के रस का सेवन किया जाए तो आप हृदय के रोग से छुटकारा पा सकती है।
जोड़ों के दर्द से राहत
अगर आपको जोड़ों के दर्द में किसी भी प्रकार की दवाओं से आराम नहीं मिल रहा हो, तो ऐसे में आप पारिजात पेड़ के दस-बारह पत्तों को पानी में उबाल लें और इसे ठंडा करके पी लें। ऐसा करने से आप जोड़ों के दर्द से राहत पा सकती है।
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