जख्मों के उपचार के लिए लचीला बायो-ग्लू विकसित

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वैज्ञानिकों ने एक ऐसा मजबूत, लचीला और चिपकने वाला पदार्थ तैयार किया है, जो घोंघों में से निकलने वाले गोंद जैसे पदार्थ से प्रेरित है और गीला रहने पर भी बिना कोई विषाक्तता पैदा किए जैविक उतकों से चिपका रहता है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि यह मजबूत गोंद जैविक आधार पर अनुकूल है और शरीर की अपनी क्षमता के तुलना में उतकों को मजबूती से बांधकर रखता है।
अमेरिका में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पॉल्सन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड अप्लाइड साइंसेज में प्रोफेसर डेव मूनी ने कहा, हमारे पदार्थ का प्रमुख गुण यह है कि इसमें बेहद मजबूत चिपकने वाला बल और वितरित तनाव को स्थानांतरित करने की क्षमता का मेल है।

खतरा पैदा होने पर घोंघे एक विशेष प्रकार के पदार्थ का उत्सर्जन करते हैं, इससे शिकारी के लिए उसे उसके स्थान से हटाना मुश्किल हो जाता है। विकसित किए गए पदार्थ का इस्तेमाल चिकित्सीय क्षेत्र में किया जा सकता है। इसे गहरी चोटों के लिए इंजेक्ट किए जा सकने वाले घोल के तौर पर या उतकों की सतह पर लगाए जा सकने वाले पदार्थ के तौर पर इस्तेमाल किया ज सकता है।