विटामिन डी की कमी होना बेहद ही आम बात है, लेकिन विटामिन डी की वजह से कई तरह बीमारी हो सकती है, जैसे- कमजोरी, मांसपेशियों, थकान, डिप्रेशन, हड्डियों में दर्द। और ये बीमारी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर किसी अंदर पाई जाती है।
विटामिन डी शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है। इसकी कमी का मतलब है कि आपके शरीर में इस विटामिन की पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता। आपको अपनी हड्डियों को विकसित करने और उनकी हेल्थ को बनाए रखने के लिए विटामिन डी की आवश्यकता बहुत ही ज्यादा होती है। यदि आपकी त्वचा पर पर्याप्त धूप नहीं पड़ती है आपको कोई मेडिकल परेशानी होने लग जाती है जो आपके शरीर की इसे अवशोषित करने की क्षमता को कम करने लग जाता है। या फिर आप अपने आहार में इसे पर्याप्त मात्रा में नहीं लेते हैं तो आपके शरीर में विटामिन डी की कमी का खतरा और भी ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि विटामिन डी उन कई विटामिनों में से एक है जिनकी आपके शरीर को स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है। यह आपके खून और हड्डियों में कैल्शियम के संतुलन को बनाए रखने और हड्डियों के निर्माण और रख-रखाव में महत्वपूर्ण भूमिका भी अदा कर रहे है।
थकान और कमजोरी लगना: विटामिन डी की कमी से शरीर में ऊर्जा का स्तर तेजी से कम होने लग जाता है, जिसकी वजह से व्यक्ति के शरीर में कई तरह के बदलाव भी दिखाई देने लग जाते है और थकान और कमजोरी महसूस होती है।
हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द होना: विटामिन डी से कैल्शियम के अवशोषण में सहायता मिलने लग जाती है, और इसकी कमी से हड्डियाँ और मांसपेशियाँ कमजोर होती चली जाती है, और उनमे दर्द का प्रवाह और भी तेजी से बढ़ने लग जाता है।
मूड में परिवर्तन: कुछ अध्ययनों से इस बात से पर्दा उठ गया है कि विटामिन डी की कमी जिन लोगों में भी होती है उनके मूड में भी परिवर्तन तेजी से देखने के लिए मिलता है, जिसकी वजह से डिप्रेशन का होना बहुत ही आम बात बन जाती है।
जल्दी जख्म न भरना: विटामिन डी वैसे तो शरीर का घाव तेजी से भरने का काम करने लग जाता है, लेकिन शरीर में तेजी से विटामिन डी की कमी हो तो ये जख्म भरने में और भी ज्यादा वक़्त लेने लग जाते है, और इससे व्यक्ति की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
बार बार संक्रमित हो जाना: विटामिन डी की कमी से व्यक्ति बार बार अलग अलग तरह की बीमारियों की चपेट में आने लग जाता है, यदि उसे किसी भी तरह की कोई बीमारी से निजात नहीं मिल पाता और उसका शरीर संक्रमण से घिरा हुआ रहता है।
तेजी से बालों का झड़ना: सुंदरता के लिए लड़की और लड़कों में एक चीज होती है जो बहुत कॉमन होती है, दरअसल ये कॉमन चीज और कुछ नहीं बल्कि बाल ही है, सोचिए यदि बाल न होते है तो लोग कैसे दिखाई देते, वहीं किसी के बाल तेजी से झड़ रहे है तो उसके पीछे का कारण आखिर क्या हो सकता है तो उसके पीछे का सबसे बड़ा कारण तो विटामिन डी की कमी का ही होना होता है।
नींद पूरी न होना: नींद एक ऐसी चीज है जो व्यक्ति के दिमाग को प्रभावित करना शुरू करती है, यदि नींद किसी भी कारण से पूरी नहीं हो पाई है तो पूरा दिन आपका दिमाग थका हुआ रहेगा और आपको कोई भी काम करने में मन नहीं लगेगा, और इस चीज का कारण सिर्फ और सिर्फ विटामिन डी की कमी का होना ही है। इसलिए जब भी आपके साथ कुछ हो तो सबसे पहले आप अपने डॉक्टर्स से सम्पर्क करें।
बच्चों में रिकेट्स: बच्चों में विटामिन डी की कमी का होना बेहद ही नार्मल है, छोटे बच्चों में विटामिन डी की कमी से रिकेट्स नामक बीमारी हो जाती है, जो की बच्चों में हड्डियों से जुड़ी परेशानी को और भी ज्यादा बढ़ा देता है। और उनके विकास में बाधा बनना शुरू हो जाता है। इस बारें में US के हेल्थ एंड रिसर्च सेंटर Medlineplus ने अपने शोध में बताया है कि स्तनपान करने वाले शिशु को भी सही मात्र में विटामिन-डी नही मिल पाता है, ऐसा कहा गया है कि मनुष्य के दूध में विटामिन की मात्र बहुत ही कम होती है, जिसकी वजह से बच्चों में इसकी कमी अधिक पाई जाती है। तो अपने शिशु को प्रतिदिन 400 IU विटामिन डी का पूरक दें।
यस्कों में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या: वयस्कों में विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी भारी मात्रा में देखने के लिए मिली है, यदि किसी भी व्यक्ति की हड्डी में चोट आ जाती है या हड्डी टूट जाती है तो विटामिन डी उसे जल्द से जल्द ठीक होने में मदद करती है, लेकिन विटामिन डी की कमी हो तो ऐसा होना बहुत ही ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
यदि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो गई है तो आप इस समस्या से निजात पाने के लिए तरीके ढूंढ रहे है तो सबसे पहले हर दिन जल्दी उठकर सूरज की पहली किरण में बैठना शुरू कर दें ऐसा कहा जाता है कि नियमित रूप से ऐसा करने पर विटामिन डी की कमी दूर हो जाती है। यदि आपको सुबह वक़्त नहीं मिल पाता है तो ये काम आप दोपहर में भी कर सकते है।
सही खाद्य पदार्थ:
मछलियाँ विटामिन डी का अच्छा स्रोत मानी जाती है, इसमें सैल्मन, ट्राउट, ट्यूना, सार्डिन और मैकेरल जैसी चीजें पाई जाती है यदि नियमित रूप से या सप्ताह में एक बार भी इसका सेवन किया जाए तो विटामिन डी की कमी दूर हो जाती है।
यदि आप भी अंडे खाना पसंद करते है तो अंडे की जर्दी का सेवन जरूर करें क्यूंकि इसमें विटामिन डी भारी मात्रा में पाया जाता है।
वैसे तो मशरूम कई तरह के होते है लेकिन कई ऐसे भी मशरूम है जिनमें विटामिन डी अधिक होता है, खासकर जो अल्ट्रावायलेट किरणों के माध्यम से उगाए जाते हैं। इसलिए जिनमें विटामिन डी की कमी है उन्हें इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
दूध, दही, अनाज और संतरे का जूस जैसी चीजों का सेवन करना बहुत से लोगों को पसंद नहीं होता जिसकी वजह से उन लोगों में विटामिन डी की कमी बढ़ जाती है और उन्हें कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है, इतना ही यदि लोग इन फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ का सेवन शुरू कर देते है तो उनमें विटामिन डी कभी कम नहीं होगा।
यदि आपकी लाख कोशिशों के बाद भी आपके शरीर में विटामिन डी नहीं बढ़ रहा है तो आप अपने डॉक्टर या निजी परामर्श केंद्र जाकर उनकी सलाह से विटामिन डी से जुड़े सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।
यदि आपके शरीर में लगातार विटामिन डी की कमी बढ़ रही है और आप इस पर ध्यान नहीं दे पा रहे है तो आप रोजाना थोड़ा सा समय निकाल पर व्यायाम को अपनी जीवन शैली में शामिल कर लें, इसके माध्यम से आप शरीर में विटामिन डी को अवशोषित कर सकते है।
बात हो हेल्दी शरीर की और स्वस्थ जीवनशैली का इसमें जिक्र न हो ऐसा हो ही नहीं सकता, शरीर में किसी भी तरह की विटामिन का असंतुलित होना ख़राब जीवनशैली का प्रतीक माना जाता है, इसलिए हर दिन संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद से विटामिन डी का स्तर बढ़ता रहता है।
ध्यान रखने योग्य बातें: यदि आपके शरीर में लगातार विटामिन डी की कमी और अधिक मात्रा दोनों ही आपके लिए चिंता की बात है, इसलिए बिना किसी चिकित्सक की सलाह के आप कोई भी सप्लीमेंट्स न लें। यदि आपको लगता है कि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है, तो डॉक्टर से टेस्ट करवाएं।
बुजुर्ग और बच्चों में अधिक होती है विटामिन डी की कमी: ये बात शत प्रतिशत सत्य है कि नवजात शिशुओं और वृद्ध लोगों में विटामिन डी की मात्रा की कमी ज्यादा पाई जाती है, बुजुर्गों में उम्र बढ़ने के साथ, त्वचा की धूप से विटामिन डी बनाने की शक्ति भी कम होने लग जाती है।
अत्याधिक मोटापा होना भी लोगों के लिए आज परेशानी का कारण बन चुका है, चलने, साँस लेने में परेशानी और बीमारियों से इन लोगों का संबंध और भी ज्यादा गहरा हो जाता है, अत्याधिक मोटापा होना की वजह से शरीर में विटामिन की कमी होने लग जाती है शरीर में अधिक वसा होने से विटामिन डी को अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है।
गर्भवती महिलाएं एवं स्तनपान कराने वाले शिशु:
गर्भवती महिलाओं में विटामिन और आयरन की कमी का होना आज के समय में बेहद ही आम बात कही जाती है, लेकिन क्या आप जानते है जिन महिलाओं में विटामिन की कमी होती है उनके शिशुओं को कई तरह की बीमारी होने का भी खतरा बना रहता है, वहीं बात की जाए स्तनपान करने वाले बच्चों की तो स्टडी में इस बारें में खुलासा किया गया है कि यदि माँ को ही भरपूर्ण पोषण और विटामिन नहीं मिलेगा तो स्तनपान करने वाले बच्चों में तो विटामिन डी की कमी अधिक मात्रा में ही पाई जाएगी, इसलिए हर गर्भवती महिला से खानपान का ध्यान रखने की बात कही जाती है।
डिस्क्लेमर:- विटामिन D की कमी के किसी भी तरह के उपाए को करने से पूर्व आप एक बार अपने चिकित्सक से परामर्श आवश्यक लें।