
नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार यानी आज 1 सितंबर 2025 को GST कलेक्शन के आंकड़े साझा कर दिए है, जो राहत से कम नहीं है। सरकारी आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो अगस्त माह में कलेक्शन 1.86 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि बीते वर्ष की एकदम सामान अवधि की तुलना में 6.5 प्रतिशत अधिक है , इतना ही नहीं अगस्त 2024 में 1.75 लाख करोड़ रुपये था। वहीं बात इससे पिछले महीने की करें, तो जुलाई 2025 में GST संग्रह से सरकार के खजाने में 1.96 लाख करोड़ रुपये आए थे।
रेवेन्यू में आया भारी उछाल :
खबरों का कहना है कि सोमवार 1 सितंबर 2025 को जारी किए गए सरकार के आंकड़ों के अनुसार घरेलू राजस्व में उछाल के कारण से अगस्त में ग्रॉस GST कलेक्शन 1.86 लाख करोड़ रुपये से अधिक पर पहुंच चुका है। बीते माह ये रेवेन्यू 9.6 प्रतिशत बढ़कर 1.37 लाख करोड़ रुपये हो चुके है, जबकि आयात कर 1.2 फीसदी की गिरावट के साथ 49,354 करोड़ रुपये ही बचा है। GST रिफंड पर निगाह डाली जाए तो साल-दर-साल 20 फीसदी घटकर 19,359 करोड़ रुपये रह गया।
अप्रैल 2025 का आंकड़ा :
GST कलेक्शन के अब तक के सबसे बड़े आंकड़े पर निगाह डाली जाए तो ये इस वर्ष अप्रैल माह में रहा था, जब गवर्नमेंट के GST संग्रह से 2.37 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। ये GST के लागू होने के पश्चात से अब तक का सबसे अधिक कलेक्शन था।
गौर करने वाली बात है कि जोरदार GST कलेक्शन का ये आंकड़ा ऐसे वक़्त में आया है, जबकि 2 दिन के पश्चात GST काउंसिल की बैठक की जाने वाली है। इसमें GST रिफॉर्म के अंतर्गत Tax स्लैब के आंकड़े को कम करने, GST रेट्स को युक्तिसंगत बनाने पर चर्चा की जाने वाली है।
देश में GST में की जा रही परिवर्तन की तैयारी :
खबरों का कहना है कि पीएम मोदी ने बीते 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से नेक्स्ट जनरेशन GST रिफॉर्म को लेकर घोषणा की थी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि सरकार अगली पीढ़ी के GST सुधार लेकर आने वाली एवं इससे आम आदमी पर Tax का बोझ कम होने लग जाएगा। उन्होंने इसके दिवाली से पहले लागू होने की उम्मीद भी जताई। नई GST व्यवस्था में कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए सिर्फ दो दरें, 5% एवं 18%, लागू करने का प्रस्ताव भी रखा है।
GOM की मंजूरी, 3-4 सितंबर को होगी बैठक :
खबरों का कहना है कि पिछले 20 एवं 21 अगस्त को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) की नई दिल्ली में हुई बैठक में 2 टैक्स स्लैब के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए 12% एवं 28% GST स्लैब को खत्म करने पर सहमति भी व्यक्त कर दी है। इसमें शामिल सदस्यों ने 5% एवं 18% GST स्लैब के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया। हालांकि, गवर्नमेंट को इस GST रिफॉर्म से तकरीबन 40,000 करोड़ रुपये के राजस्व के हानि होने की आशंका बढ़ रही है। अब GST काउंसिल की 56वीं बैठक 3 और 4 सितंबर को होने वाली है, इसमें इस मुद्दे पर अंतिम मुहर लग जाएगी।