GST रिफॉर्म से कम होंगे लोगों के खर्चे, अश्‍विनी वैष्‍ण्‍व ने आम आदमी को बताई फायदे की बात

केंद्र सरकार ने जीएसटी में ऐतिहासिक सुधार किए, जिससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी। रोजमर्रा की वस्तुएं, मोबाइल और सोलर पैनल सस्ते होंगे। 22 सितंबर से लागू इन बदलावों से 20 लाख करोड़ रुपये का उपभोग बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था और रोजगार को मजबूती मिलेगी।

GST रिफॉर्म से कम होंगे लोगों के खर्चे, अश्‍विनी वैष्‍ण्‍व ने आम आदमी को बताई फायदे की बात

GST रिफॉर्म से आसान हो जाएगी आमजन की जिंदगी

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Highlights

  • पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए किए बड़े जीएसटी सुधार।
  • 10% उपभोग वृद्धि से ₹330 लाख करोड़ की जीडीपी में ₹20 लाख करोड़ जुड़ेगा, उद्योग और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
  • 28 अगस्त 2025 को राहुल की रैली में पीएम मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ अपशब्द।

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत देने वाला कदम उठाया है। सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) में व्यापक सुधार किए हैं, जिन्हें ऐतिहासिक बताया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि इन बदलावों से न केवल आम जनता का आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों में भी तेजी आएगी।

टैक्स संरचना में बड़ा बदलाव :

वैष्णव ने बताया कि 2014 से पहले टैक्स प्रणाली बेहद जटिल थी और हर वस्तु पर अलग-अलग कर लगते थे। इससे आम और खासकर मध्यम वर्गीय परिवारों पर भारी बोझ पड़ता था। मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद टैक्स सुधारों को प्राथमिकता दी। पहले आयकर ढांचे को सरल बनाकर 12 लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों को राहत दी गई थी। अब उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए जीएसटी में बड़े सुधार लागू किए गए हैं।

रोजमर्रा की जरूरतों पर सीधी राहत :

सरकार का दावा है कि हालिया सुधारों से रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी जरूरतें सस्ती होंगी। दैनिक उपभोग की वस्तुओं के अलावा मोबाइल फोन और सोलर पैनल जैसे उत्पादों पर भी टैक्स घटाया गया है। इसका असर उपभोक्ताओं को सीधी राहत और पर्यावरण हितैषी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने के रूप में दिखाई देगा। ये सुधार 22 सितंबर से लागू होंगे, जो नवरात्रि का पहला दिन है। सरकार ने इसे 140 करोड़ नागरिकों के लिए “नई खुशी की शुरुआत” करार दिया है।

अर्थव्यवस्था में 20 लाख करोड़ रुपये की नई ताकत :

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, भारत की मौजूदा जीडीपी 330 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से 202 लाख करोड़ रुपये उपभोग पर खर्च होते हैं। सुधारों के बाद उपभोग में 10% की वृद्धि का अनुमान है। इसका मतलब है कि करीब 20 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त उपभोग अर्थव्यवस्था में जुड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते उपभोग से औद्योगिक गतिविधियों और रोजगार सृजन में तेजी आएगी, जिससे उत्पादन, सेवा और व्यापार क्षेत्र को सीधा फायदा होगा।

मध्यम वर्ग पर फोकस :

सरकार का कहना है कि मोदी की नीतियों का केंद्र हमेशा से मध्यम वर्ग रहा है। आयकर में छूट और अब जीएसटी सुधार उस प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से मध्यम वर्ग अधिक खर्च करने में सक्षम होगा और खपत बढ़ने से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

दीर्घकालिक लाभ की उम्मीद : 

विशेषज्ञों का इस बारें में कहना है कि इन सुधारों का असर सिर्फ अल्पकालिक नहीं होगा। बढ़ते उपभोग से उद्योगों को दीर्घकालिक मजबूती मिलेगी, निर्यात क्षमता बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर बनेंगे। सरकार ने इसे आम और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए नवरात्रि से पहले का खास तोहफा बताया है। आर्थिक जगत इसे प्रधानमंत्री मोदी की टैक्स सुधार नीति का अगला बड़ा कदम मान रहा है, जिसका सीधा असर करोड़ों परिवारों की जेब और देश की समग्र प्रगति पर पड़ेगा।

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