
खाने पीने का शौक तो आज के समय में हर किसी को होता है, लोगों को हमेशा ही कुछ न कुछ नया टेस्ट करने के लिए चाहिए, फिर चाहे वह कोई डिश हो या फिर पेय पदार्थ हो। अब ड्रिंक का जिक्र किया है तो जाहिर है कि कॉकटेल और मॉकटेल के बारें में ही हम बात कर रहें हैं। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि भारतीय होने के बाद भी लोगों को विदेशों की ड्रिंक्स ज्यादा पसंद आ रही है। फिर चाहे इनका स्वाद कैसा भी हो, पर भारतीय लोग इसे टेस्ट जरुर करेंगे। जब कॉकटेल और मॉकटेल के बारें में हम बात कर ही रहें हैं तो ये भी जान लेते है कि इसे कैसे बनाया जाता है, लोग इसे पीना क्यों पसंद करते है और क्यों ये इतना ट्रेंड में है।
साल 2025 की शुरुआत से ही गूगल पर सबसे ज्यादा कॉकटेल और मॉकटेल के बारें में सर्च किया गया है, सबसे पहले तो हमे इस बात का पता होना चाहिए कि हमे किस तरह कि ड्रिंक पीना है, आमतौर पर कॉकटेल में अल्कोहल पाया जाता है, जबकि मॉकटेल में अल्कोहल नही होता। मॉकटेल को ज्यादातर फलों के रस से तैयार किया जाता है, जो कि शरीर के लिए बिलकुल भी हानिकारक नही होती है। इसी तरह कॉकटेल और मॉकटेल दोनों को पीने के अलग ही लाभ है एवं इन्हें बनाने का तरीका और भी आसान तो चलिए जानते हैं कि किस तरह से बनी जाती है कॉकटेल और मॉकटेल।
कॉकटेल |
मॉकटेल |
कॉकटेल मेंअल्कोहल पाया जाता है। |
मॉकटेल में अल्कोहल नहीं पाया जाता, लेकिन इसे बनाने का तरीका कॉकटेल की तरह ही होता है। |
इसमें शराब (स्पिरिट) को अन्य सामग्रियों जैसे फलों के रस, सिरप, या सोडा के साथ मिलाया जाता है। |
मॉकटेल में फलों के रस, सोडा, या अन्य गैर-अल्कोहलिक पेय पदार्थों का उपयोग किया जाता है। |
उदाहरण के तौर पर, मार्गरिटा, मॉकटोल, व वाइन कॉकटेल आदि। |
उदाहरण के तौर पर, फ्रूटी, लेमन टी, और विथआउट एल्कोहल वाला मार्गरिटा आदि। |
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मॉकटेल को कॉकटेल की तरह ही सर्व किया जाता है, लेकिन दोनों के स्वाद में थोड़ा फर्क होता है। |
कॉकटेल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मुख्य मादक पेय बेस कहलाता है, जो आम तौर पर स्प्रिट होता है। ज़्यादातर कॉकटेल स्प्रिट के इर्द-गिर्द बनाए जाते हैं। अगर कॉकटेल में दो या उससे ज़्यादा मादक पेय हैं, तो बेस की मात्रा आम तौर पर दूसरे की तुलना में ज़्यादा होगी। अगर दो मादक पेय एक ही मात्रा में इस्तेमाल किए जाते हैं, मान लीजिए वाइन और स्प्रिट, तो ज़्यादा मादक शक्ति वाला पेय यानी स्प्रिट बेस माना जाता है। अगर स्प्रिट और लिकर एक ही मात्रा में इस्तेमाल किए जाते हैं, तो नियंत्रण उद्देश्यों के लिए स्प्रिट को बेस के रूप में लिया जाता है। ज़्यादातर कॉकटेल में मुख्य मादक पेय की सामान्य मात्रा होती है और मात्रा का आकार प्रतिष्ठान की नीति पर निर्भर करता है।
कॉकटेल बनाने की विधि:
1. सामग्री को कैसे मिलाएं: सामग्री को सीधे गिलास में डालना (जिसमें आमतौर पर बर्फ होती है) क्यूंकि इसे हाईबॉल, लंबा पेय या गर्मियों के पेय की तरह परोसा जाता है।
2. शेकिंग: सामग्री को शेकर में डालना, उसमें एक स्कूप बर्फ डालना, हिलाना, और फिर सामग्री को छलनी से छानकर सही गिलास में डालना (जिसमें आमतौर पर बर्फ होती है जब तक कि पेय सीधे परोसा न जा रहा हो) बर्फ को शेकर में ही रखना। अधिकतर इसे पेय पदार्थ शेक किए जाते है, जिनमें क्रीम, चीनी, अंडा और फलों का रस भी पाया जाता है।
3. अच्छी तरह से मिक्स करना: मिक्सिंग ग्लास में सामग्री डालना, उसमें एक स्कूप बर्फ डालना, बार स्पून से हिलाना (आमतौर पर 16 से 18 बार), और सामग्री को एक छलनी के माध्यम से सही गिलास में खाली करना। आमतौर पर इस तरीके का इस्तेमाल दो या अधिक अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों वाले कॉकटेल के लिए किया जाता है।
4. मिश्रण: मिश्रण बनाने वाले जग में सामग्री डालें, एक स्कूप बर्फ (ध्यान रखें कि बर्फ बारीक हो) डालें और चिकना होने तक मिश्रण करें (लगभग 10-15 सेकंड) फिर सामग्री को सही ढंग से गिलास में डालें। स्ट्रॉबेरी डाइक्विरी या फ्रोजन मार्गारीटा जैसे ठोस पदार्थ या बर्फ का इस्तेमाल कॉकटेल में किया जाता है।
5. मडलिंग: मडलिंग स्टिक का उपयोग करके, गिलास के नीचे सामग्री को मैश करना या पीसकर प्यूरी बना लेना चाहिए।
6. लेयर बनाना: एक गिलास (बर्फ के बिना) में घनत्व के क्रम में सामग्री को बार चम्मच के अंत में डालना, जिसका उद्देश्य प्रत्येक परत को पिछली परत के ऊपर रखना होता है।
7. मिश्रण: यह एक इलेक्ट्रॉनिक व्हिस्क का उपयोग करके तेजी से हिलाना है, इससे मिश्रण न तो पतला होगा और न ही ठंडा होगा।
किस तरह सेहत के लिए लाभ दायक है कॉकटेल:-
आमतौर पर कॉकटेल को शराब की तरह माना जाता है, लेकिन बहुत सारी वजह से कॉकटेल लोगों के इए लाभदायक साबित हो सकती है, अब ये किस तरह से होता है तो चलिए जानते है…
कुछ कॉकटेल में एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है, जो हृदय से जुड़ी परेशानियों के लिए लाभदायक कहा जाता है।
कुछ कॉकटेल इम्युनिटी को बूस्ट करने का काम करती है, जैसे कि मायर्स कॉकटेल, में विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व पाए जाते है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायता प्रदान करते है।
मायर्स कॉकटेल शरीर में उचित हाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बढाने में कॉकटेल अच्छा स्त्रोत साबित होती है।
कई कॉकटेल में मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले पोषक तत्व मिलते हा, जो मूड और मानसिक तीक्ष्णता को बेहतर बनाने में मदद करते है।
मायर्स कॉकटेल उन लोगों के लिए मांसपेशियों की ऊर्जा का इस्तेमाल करने की आवश्यकता को पूरा करने में सहायता करती है, जिन्हें तुरंत ही ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
मॉकटेल: मॉकटेल वैसे तो कई तरह के बनाए जाते है उन्ही में से एक है ऑरेंज मिंट मॉकटेल और आज हम आपकों ऑरेंज मिंट मॉकटेल बनाने की विधि के बारें में बताने वाले है तो चलिए जानते है…
सामग्री:-
विधि:-
सबसे पहले थोड़े से पानी में जो रूम टेम्परेचर पर हो उसमे चीनी डालकर उसे अच्छी तरह से घोल लें। अब ऑरेंज को छीलकर उसका जूस निकाल लें। साथ ही 2 ऑरेंज के स्लाइस बचाकर रखें।
ऑरेंज के स्लाइस को छोटे टुकड़ों में काटें, इसके बाद ऑरेंज जूस में महीन कटे पुदीना पत्ते और चीनी वाले पानी को अच्छी तरह से मिलाएं|अब इसमें सोडा वाटर डालें।
1 गिलास में ऑरेंज मोजीतो डालें। छोटे टुकड़ों में कटे ऑरेंज के टुकड़े डालें,काला नमक ऐड करें ऊपर से आइस क्यूबस डालकर सर्व कर दें।
मॉकटेल का सेवन कोई भी कर सकता है कहने का मतलब है कि इसका सेवन बच्चे और बड़े दोनों ही कर सकते हैं, चूँकि मॉकटेल में अल्कोहल नही पाया जाता, इसे केवल फलों के रसों से बनाया जाता है जो कि हेल्थ के लिए बहुत ही अच्छा स्त्रोत माना जाता है। मॉकटेल के सेवन से किसी भी तरह के हैंगओवर को बहुत ही आसानी से ठीक किया जा सकता है, इससे शरीर में पानी की कमी नही होती। मॉकटेल को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले फल और सब्जियों के पोषक तत्व आपके लिए लाभदायक हो सकते है। इसके सेवन से केलोरी बढ़ने का डर नही होता।