विश्व निमोनिया दिवस प्रत्येक वर्ष 12 नवंबर को निमोनिया रोग से लड़ने के लिए जागरूकता फैलाने एवं लोगों को शिक्षित करने के लिए इसे मनाया जाता है। निमोनिया एक श्वसन संक्रमण है जिसकी वजह से फेफड़ों की वायु थैलियों (एल्वियोली) में सूजन आने लग जाती है। ये एक गंभीर एवं जानलेवा बीमारी कही जाती है। चलिए जानते है कब से विश्व निमोनिया दिवस को मनाने की हुई थी शुरुआत और क्या है निमोनिया के लक्षण।
कब हुई थी विश्व निमोनिया दिवस मनाने की शुरुआत :
विश्व निमोनिया दिवस प्रत्येक वर्ष 12 नवंबर को मनाया जाता है। सबसे पहले विश्व निमोनिया दिवस वर्ष 2009 में मनाया गया था, इस दिन की शुरुआत बाल निमोनिया के विरुद्ध वैश्विक गठबंधन द्वारा किया गया था। इस दिन का उद्देश्य निमोनिया के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।
जानिए निमोनिया से जुड़े हुए फैक्ट्स :
निमोनिया एक बेहद ही गंभीर बीमारी है, इस बीमारी का उल्लेख प्रारंभिक ग्रीक सभ्यता में भी मिलता है, हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि निमोनिया से प्रत्येक वर्ष विश्वभर में लगभग 4 मिलियन लोगों की मृत्यु हो जाती है। वहीं प्राचीन यूनानी काल में भी निमोनिया को पहचाना और वर्णित कर दिया गया था।
विश्व निमोनिया दिवस का महत्व :
विश्व निमोनिया दिवस, जिसे प्रत्येक वर्ष 12 नवंबर को मनाया जाता है, निमोनिया को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए ये दिन बहुत महत्व रखता है। इतना ही नही ये बीमारी विश्वभर में मृत्यु का एक प्रमुख वजह है, खासकर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में।
क्या है निमोनिया के लक्षण :
दरअसल निमोनिया, फेफड़ों में होने वाला एक संक्रमण है, जिसके लक्षण हल्के से लेकर गंभीर भी हो सकते है। आम लक्षणों में खांसी (संभवतः बलगम के साथ), बुखार, ठंड लगना, सांस लेने में परेशानी और सीने में दर्द, खासकर सांस लेते या खांसते वक़्त परेशानी का सामना करना पड़ता है।
निमोनिया के कारण :
निमोनिया एक ऐसा संक्रमण है जो बैक्टीरिया या वायरस की वजह से फैलता है, कुछ मामलों में यह फफूंद की वजह से भी हो जाता है। आम जीवाणु जनित कारणों में स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया, हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा एवं माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया शामिल हैं।