साल 2025 की शारदीय नवरात्रि खास मानी जा रही है, क्योंकि इस बार यह पूरे 10 दिन तक चलने वाली है। श्रद्धालुओं के बीच हमेशा की तरह इस बार भी अष्टमी तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। कई लोग नवरात्रि के पहले दिन और अष्टमी के दिन ही व्रत रखते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल अष्टमी कब है, इसका शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन का महत्व क्यों माना जाता है।
अष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त :
इस बार नवरात्रि की अष्टमी 30 सितंबर, मंगलवार के दिन है। अष्टमी पर कन्या पूजन का ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 04 बजकर 37 मिनट से सुबह 05 बजकर 25 मिनट तक रहने वाला है। अभिजित मुहूर्त प्रातः 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहने वाला है। वहीं विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से दोपहर 02 बजकर 58 मिनट तक रहने वाला है।
अष्टमी की पूजा विधि:
अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन कई श्रद्धालु व्रत का समापन करते हैं। कन्या पूजन की परंपरा निभाई जाती है, जिसमें नौ कन्याओं को आदरपूर्वक भोजन कराया जाता है। हवन और विशेष पूजन कर मां से मनोकामनाएं मांगी जाती हैं।
अष्टमी का महत्व :
धार्मिक मान्यता के मुताबिक मां पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। तप के प्रभाव से उनका रंग काला पड़ गया। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने गंगा जल से उन्हें स्नान कराया, जिससे उनका रूप उज्ज्वल हो गया और तभी से वे महागौरी कहलाईं माना जाता है कि नवरात्रि की अष्टमी को महागौरी की आराधना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सफलता मिलती है।