लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते 8 वर्षों में 38वीं बार मथुरा का दौरा कर यह स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार के प्रमुख एजेंडों में मथुरा का विकास शामिल है। सर्वाधिक बार मथुरा यात्रा का उनका रिकॉर्ड सनातन आस्था के प्रति उनकी सरकार के गहरे सम्मान और समर्पण को दर्शाता है। काशी और अयोध्या की तरह मथुरा भी अब योगी सरकार के विकास के केंद्र में है।
खबरों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में काशी का 160, अयोध्या का 85 और मथुरा का 38 बार दौरा किया है। यह दर्शाता है कि जिस धार्मिक नगरी पर उनका ध्यान केंद्रित होता है, उसका कायाकल्प निश्चित है। काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के पश्चात अब उनका पूरा फोकस कृष्ण नगरी मथुरा के विकास पर है। यह योगी सरकार की भारत की तीन प्रमुख धार्मिक नगरी को वैश्विक पटल पर स्थापित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
खबरों की माने तो सीएम योगी आदित्यनाथ के बार-बार दौरों से मथुरा में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा भी मिल रहा है। योगी सरकार के प्रयासों से धार्मिक पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मथुरा की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के साथ-साथ आधुनिक विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है। ब्रज इलाके में करोड़ों रुपये के विकास कार्य किए जा रहे हैं, इसमें सड़कों का सुदृढ़ीकरण, तीर्थ स्थलों का सौंदर्यीकरण और आधुनिक सुविधाओं का विकास शामिल है। इससे स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को सीधा लाभ भी प्रदान किया जा रहा है।
योगी सरकार का इस बारें में कहना है कि विकास के साथ सांस्कृतिक विरासत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। मथुरा में चल रहे विकास कार्य इस सोच को दर्शाते हैं। प्राचीन मंदिरों और घाटों का जीर्णोद्धार हो रहा है, साथ ही कनेक्टिविटी, स्वच्छता और आधुनिक सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यह संगम पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है और स्थानीय लोगों में अपनी संस्कृति के प्रति गौरव बढ़ा रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य केवल आधुनिक विकास नहीं, बल्कि ब्रज की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करते हुए विकास करना है। मथुरा की प्राचीन पहचान को बनाए रखते हुए उसे विश्व स्तरीय सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है, ताकि भावी पीढ़ियां अपनी जड़ों से जुड़ी रहें और तीर्थयात्री ब्रज की वास्तविक अनुभूति कर सकें।
योगी सरकार के लिए सनातन आस्था का सम्मान प्रमुख एजेंडा है। अयोध्या में भगवान श्रीराम और काशी में देवाधिदेव महादेव के बाद अब कृष्ण नगरी मथुरा के विकास पर ध्यान केंद्रित कर उन्होंने धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को नई दिशा दी है। मथुरा का कायाकल्प न केवल भक्तों के लिए आनंद का विषय है, बल्कि यह प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का भी महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहा है।