नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी पहुंचे, जहां उन्होंने दिवंगत आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सत्य साईं बाबा के जीवन, शिक्षाओं और आध्यात्मिक विरासत को नमन करते हुए एक स्मारक सिक्का और विशेष डाक टिकटों का सेट जारी किया। कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश की सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों में केंद्र सरकार ने ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिनके परिणामस्वरूप भारत में करोड़ों लोगों का जीवन सुरक्षित हुआ है। उन्होंने बताया कि 2014 में देश में केवल 25 करोड़ लोग ही सोशल सिक्योरिटी के दायरे में थे, लेकिन आज यह संख्या बढ़कर लगभग 100 करोड़ पर पहुंच चुकी है।
पीएम मोदी ने कहा कि यह परिवर्तन छोटे-छोटे लेकिन प्रभावी सुधारों और योजनाओं के माध्यम से संभव हुआ है, जिनका उद्देश्य गरीब, वंचित और पिछड़े वर्गों को सुरक्षा कवच प्रदान करना है। उन्होंने कहा, “पिछले 11 वर्षों में सामाजिक सुरक्षा की कई ऐतिहासिक योजनाएँ लागू की गई हैं, जिससे भारत के हर नागरिक को सुरक्षा, गरिमा और आत्मविश्वास मिला है। आज 100 करोड़ भारतीय किसी न किसी प्रकार की सोशल सिक्योरिटी योजना से जुड़े हुए हैं।”
बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए बड़ी पहल :
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ का विशेष रूप से उल्लेख किया। इस योजना को 2015 में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि यह योजना आज देश की सबसे सफल वित्तीय योजनाओं में से एक बन चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने बेटियों के उज्ज्वल भविष्य, उच्च शिक्षा और उनकी आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के अंतर्गत देश की बेटियों को 8.2% का सबसे ज्यादा ब्याज दिया जाता है, जो किसी भी सरकारी बचत योजना से अधिक है।”
उन्होंने जानकारी दी कि अब तक देश भर में 4 करोड़ से ज्यादा सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों में सवा 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की जा चुकी है, जो इस योजना की लोकप्रियता और लोगों के भरोसे का प्रमाण है।
सरकार की सामाजिक सुरक्षा नीतियों को मिली मजबूती :
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं—जैसे प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना और जन-धन योजना—ने देश के गरीब और मध्यम वर्ग को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के जरिए समाज के कमजोर वर्गों को वह सुरक्षा मिली है, जिसकी उन्हें सबसे ज्यादा आवश्यकता थी। प्रधानमंत्री का कहना था कि सामाजिक सुरक्षा केवल आर्थिक सहायता का साधन नहीं है बल्कि यह नागरिकों में आत्मविश्वास और स्थिरता भी बढ़ाती है।
भविष्य के लिए सरकार की प्रतिबद्धता :
अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य देश के हर नागरिक, विशेषकर महिलाओं, किसानों और श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की मुख्यधारा में जोड़ना है। उन्होंने कहा कि सरकार आगे भी ऐसे कदम उठाती रहेगी, जो आने वाली पीढ़ियों के जीवन को सुरक्षित और बेहतर बना सकें।
इस प्रकार, सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र में केंद्र सरकार की उपलब्धियाँ प्रधानमंत्री के अनुसार भारत को एक सुरक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर समाज की ओर ले जा रही हैं।