भोपाल में गुरुवार दोपहर राजनीतिक माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया, जब मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से जुटे युवा कांग्रेस कार्यकर्ता एसआईआर से जुड़ी कथित अनियमितताओं के विरोध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) कार्यालय की ओर कूच करने लगे। यह रैली धीरे-धीरे बड़े जुलूस का रूप ले चुकी थी। जैसे ही भीड़ व्यापम चौराहे के पास पहुंची, पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए बैरिकेड्स लगाकर जुलूस को रोक दिया।
बैरिकेड्स पर रोक के बाद कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बहस शुरू हो गई, जो कुछ देर बाद धक्का-मुक्की में बदल गई। कई कार्यकर्ता बैरिकेट्स पर चढ़कर आगे बढ़ने का प्रयास करने लगे। स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का उपयोग किया और तेज पानी की बौछारें छोड़कर भीड़ को पीछे धकेला। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी लगातार आगे बढ़ने की कोशिश करते रहे, जिसके चलते तनाव बढ़ता गया।
हल्का बल प्रयोग, पर कोई गंभीर घायल नहीं :
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को रोकने के लिए कई बार समझाइश दी गई, लेकिन कार्यकर्ता अपनी मांगों पर अड़े रहे। जब स्थिति काबू से बाहर जाती दिखी, तो सुरक्षा बलों ने हल्का बल प्रयोग भी किया। हालांकि किसी के गंभीर रूप से चोटिल होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इससे प्रदर्शनकारियों का आक्रोश और अधिक भड़क गया। कई कार्यकर्ता बैरिकेड्स को तोड़ने का प्रयास करते हुए नजर आए।
कुछ कार्यकर्ता हिरासत में, बस झुकने से अफरा-तफरी :
तनाव बढ़ता देखकर पुलिस ने अतिरिक्त बल बुलाया और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने की कार्रवाई शुरू की। कई कार्यकर्ताओं को पकड़कर पुलिस बस में बैठाया गया, वहीं कई ने स्वयं गिरफ्तारी दी और बस की छत पर चढ़ गए। छत पर एक साथ बड़ी संख्या में लोग चढ़ने लगे तो बस एक तरफ झुकने लगी, जिससे उसके पलटने का खतरा पैदा हो गया। यह देखते ही पुलिस ने तुरंत सभी कार्यकर्ताओं को नीचे उतरने के निर्देश दिए और स्थिति को नियंत्रित किया।
शपथ ग्रहण समारोह में भी अव्यवस्था
इधर, प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं को विरोध संदेशों वाली टी-शर्ट वितरित की जा रही थीं। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की भीड़ के कारण यहां भी अव्यवस्था की स्थिति बन गई और टी-शर्ट लेने के दौरान धक्का-मुक्की की नौबत आ गई।
सबसे हैरानी की बात यह रही कि युवा कांग्रेस के नव-नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष यश घनघोरिया के शपथ ग्रहण समारोह में भी भीड़ इतनी अधिक हो गई कि उन्हें खुद मंच पर बैठने के लिए कुर्सी नहीं मिल पाई। समारोह में भारी भीड़ और अव्यवस्था के कारण प्रबंधन लड़खड़ा गया और कई वरिष्ठ पदाधिकारी बिना बैठने की व्यवस्था के इधर-उधर खड़े नजर आए।
प्रदर्शन और आंतरिक अव्यवस्था दोनों चर्चा में :
एक ओर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता मतदाता सूची में छेड़छाड़ और एसआईआर से जुड़े मुद्दों पर सरकार और निर्वाचन आयोग के खिलाफ सड़क पर उतरे थे, वहीं दूसरी ओर उनके अपने ही संगठन के कार्यक्रम में अव्यवस्था उजागर हो गई। दिनभर चली इन घटनाओं ने भोपाल के राजनीतिक वातावरण को गरमा दिया और पूरे प्रदेश में यह मामला चर्चा का विषय बना रहा।