नई दिल्ली : नोबल पीस प्राइज का एलान से पहले ही रूस ने शुक्रवार यानी 10 अक्टूबर 2025 को कहा कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन का समर्थन करने वाला है। खबरों का कहना है कि क्रेमलिन के टॉप सलाहकार यूरी उशाकोव ने इस बारें में जानकारी दी है कि मॉस्को ट्रंप की उम्मीदवारी के पक्ष में है। उनका बोलना है कि ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए जो पहल की है, वह सराहनीय है और शांति बहाली की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान मानी जा सकती है।
दोबारा सामने आया ट्रंप का नाम :
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नोबेल शांति पुरस्कार के प्रति आकर्षण कोई नया विषय नहीं है। अपने पहले कार्यकाल के बीच उन्हें अब्राहम समझौते के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामांकित कर दिया गया है, इसने इजरायल एवं कई अरब देशों के मध्य संबंधों के सामान्यीकरण की दिशा में बेहद अहम् रोल अदा किया था, लेकिन इस बार ट्रंप ने अपनी महत्वाकांक्षा को एवं स्पष्ट रूप से सामने रख दिया है।
उन्होंने इस बात का दावा किया है कि अपने कार्यकाल के कुछ ही माह में उन्होंने 6 से 7 अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को पूरी तरह से खत्म करने में योगदान दिया है, इनमे भारत और पाकिस्तान के मध्य वह तनाव भी शामिल था, जो उनके मुताबिक परमाणु युद्ध का पूर्ण रूप भी ले सकता है।
ट्रंप के दावों का भारत में किया खंडन :
खबरों का कहना है कि पाक द्वारा ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित कर दिया गया है, वहीं भारत ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया है। पीएम मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट रूप से इस बारें में कहा है कि भारत एवं पाक के मध्य तनाव कम कराने में उनका कोई प्रत्यक्ष योगदान नहीं था।
डोनाल्ड ट्रंप ने कर दिया बड़ा दावा :
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि उन्होंने 8 अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को रोकने में महत्वपूर्ण रोल अदा किया था। उनकी सूची में इजराइल-ईरान, भारत एवं पाक, कांगो एवं रवांडा, कंबोडिया-थाईलैंड, आर्मेनिया एवं अज़रबैजान, नील नदी पर बांध विवाद – मिस्र और इथियोपिया, सर्बिया-कोसोवो संघर्ष और गाजा में इजराइल-हमास युद्धविराम जैसे नाम शामिल हैं।