सीएम योगी को संभल कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, कई सनसनीखेज खुलासे

संभल हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक कमेटी ने 28 अगस्त 2025 को 450 पन्नों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी। रिपोर्ट में संभल की जनसांख्यिकी में बदलाव, हरिह/जामा मस्जिद विवाद, 1947 से 15 दंगे, और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों की मौजूदगी का खुलासा हुआ।

सीएम योगी को संभल कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, कई सनसनीखेज खुलासे

सीएम योगी के हाथ आई संभल कमेटी की रिपोर्ट्स

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Highlights

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई 450 पन्नों की न्यायिक कमेटी की रिपोर्ट।
  • अलकायदा और हरकत-उल-मुजाहिद्दीन की सक्रियता के मिले सबूत।
  • वर्ष 1947 से 2019 तक 15 बड़े दंगे और नवंबर 2024 में हुई हिंसा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में नवंबर 2024 में हुई हिंसा की कार्रवाई के लिए गठित न्यायिक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी गई थी। इतना ही नहीं गुरुवार यानि 28 अगस्त 2025 को सौंपी गई यह रिपोर्ट तकरीबन 450 पन्नों की है, जिसमें संभल की आबादी, इतिहास और वहां हुए दंगों का विस्तृत विवरण दिया गया है।

आबादी और डेमोग्राफी पर बड़ा खुलासा :

खबरों का कहना है कि आजादी के समय यानी वर्ष 1947 में संभल नगर पालिका इलाके में 55% मुस्लिम एवं 45% हिंदू आबादी थी। लेकिन वर्तमान वक्त में यहां लगभग 85% मुस्लिम एवं केवल 15%–20% हिंदू ही बचे हुए है। कमेटी के मुताबिक, दंगे, तुष्टिकरण की राजनीति और सामाजिक तनाव ने यहां की जनसांख्यिकी को पूरी तरह से परिवर्तित हो चुका है।

हरिहर मंदिर वर्सेज शाही जामा मस्जिद विवाद :

कुछ रिपोर्ट्स में ऐतिहासिक तथ्यों का जिक्र करते हुए बोला गया है कि संभल में हरिहर मंदिर के अस्तित्व के साक्ष्य मौजूद हैं। सूत्रों के मुताबिक, मंदिर और शाही जामा मस्जिद को लेकर वर्षों से विवाद की स्थिति रही है।

संभल का दंगों से भरा इतिहास :

रिपोर्ट में केवल 24 नवंबर 2024 की हिंसा का ही नहीं, बल्कि आजादी के बाद से अब तक हुए दंगों का भी ब्यौरा दिया गया है। इसमें बताया गया है कि वर्ष 1947, 1948, 1953, 1958, 1962, 1976, 1978, 1980, 1990, 1992, 1995, 2001 एवं 2019 में भी दंगे भी हुए है । यानी कुल मिलाकर आजादी के बाद से अब तक 15 बड़े दंगे संभल में दर्ज किए जा चुके है।

आतंकी संगठनों की मौजूदगी :
 
कमेटी की रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि संभल कई आतंकी संगठनों का गढ़ बन चुका है। अलकायदा और हरकत-उल-मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों की सक्रियता के साक्ष्य भी रिपोर्ट में दर्ज किए गए हैं।

न्यायिक आयोग की संरचना :

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो संभल हिंसा पर गठित आयोग में इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस देवेंद्र कुमार अरोड़ा, रिटायर्ड IAS अमित मोहन और रिटायर्ड IPS अरविंद कुमार जैन भी मौजूद थे। यह आयोग नवंबर 2024 में हुई हिंसा के पश्चात तत्कालीन सरकार द्वारा गठित कर दिया गया था।

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