नई दिल्ली : अटलांटिक महासागर, जो पृथ्वी का दूसरा सबसे बड़ा सागर भी कहा जा जाता है, में आए तूफान ने मौसम विभाग को भी स्तब्ध कर डाला है। तूफान एरिन ने इतनी तेजी से रफ्तार पकड़ी कि मौसम वैज्ञानिक हैरान हो चुके है। महज 24 घंटों में यह तूफान कैटेगरी-1 से सीधे कैटेगरी-5 में तब्दील हो चुका है।
मौसम वैज्ञानिकोंका इस बारें में कहना है कि शुक्रवार सुबह तूफान की रफ्तार 75 मील प्रति घंटा थी, जो शनिवार तक बढ़कर 160 मील प्रति घंटा (लगभग 260 किमी/घंटा) हो गई, जिसने इसे रिकॉर्ड बुक में शामिल किया है। विशेषज्ञों का इस बारें में कहना है कि जलवायु परिवर्तन और समुद्र के बढ़ते तापमान की वजह से इतनी तेजी से शक्तिशाली बनने वाले तूफानों की घटनाएं अब अधिक देखने के लिए मिल रही है।
खबरों का कहना है कि मौसम विज्ञान में इसे रैपिड इंटेंसिफिकेशन कहते हैं, जिसका अर्थ है जब कोई चक्रवात 24 घंटे में अपनी रफ्तार कम से कम 35 मील प्रति घंटा बढ़ा ले। तूफान एरिन ने इस सीमा को कहीं पीछे छोड़ दिया। यह घटना अगस्त के मध्य में हुई, जबकि आमतौर पर इतने शक्तिशाली तूफान सितंबर-अक्टूबर में देखने के लिए मिलते है।
इतना ही नहीं तूफान एरिन को सामान्य मौसमी पैटर्न से अलग और जलवायु संकट की नई तस्वीर कही जा रही है। यह अटलांटिक में दर्ज 43 कैटेगरी-5 तूफानों में से एक है। खास बात यह है कि 2016 के बाद से अब तक 11 कैटेगरी-5 तूफान बन चुके हैं, जो असामान्य रूप से अधिक है।
ये चौथा सीजन है जब जब कैटेगरी-5 तूफान की खबर सामने आई. इसके पूर्व 2024 में बेरेल और मिल्टन नामक तूफानों ने ऐसी ही ताकत दिखा दी थी जिसे देख हर कोई हैरान हो गया. एरिन का रुख ऐसा है कि यह प्यूर्टो रिको और कैरेबियन द्वीपों को सीधा हानि नहीं पहुंचा सकता.
खबरों का कहना है कि ये उत्तर की ओर बढ़ते हुए अमेरिका के पूर्वी तट और बरमूडा के बीच खुले अटलांटिक की तरफ चला जाएगा. इतना ही नहीं हालांकि, इसके बाहरी भागों से भारी बारिश और बाढ़ की आशंका अब भी बनी हुई है.