बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी यादव का एलान, कहा- 'हर घर होगी सरकारी नौकरी'

तेजस्वी यादव के 'हर घर सरकारी नौकरी' वादे ने बिहार चुनाव में हलचल मचाई। जेडीयू के नीरज कुमार ने इसे अव्यवहारिक और भ्रामक बताया, संविधान का हवाला देकर तंज कसा। रोजगार प्रमुख मुद्दा बना, जनता की प्रतिक्रिया और चुनावी असर पर सबकी नजर।

बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी यादव का एलान, कहा- 'हर घर होगी सरकारी नौकरी'

बिहार चुनाव से पूर्व तेजस्वी ने जनता से किए कई वादे

Share:

Highlights

  • तेजस्वी यादव का 'हर घर सरकारी नौकरी' वादा बिहार चुनाव में चर्चा का केंद्र।
  • जेडीयू नेता नीरज कुमार ने वादे को अव्यवहारिक और संविधान-विरोधी बताया।
  • बिहार में 2.76 करोड़ परिवार, सभी को नौकरी देना असंभव : नीरज।

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के गर्माते माहौल में राजद नेता तेजस्वी यादव के 'हर घर में सरकारी नौकरी' देने के वादे ने सियासी हलचल मचा दी है। इस वादे पर जेडीयू नेता नीरज कुमार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे अव्यवहारिक और भ्रामक करार दिया है।

नीरज कुमार का तंज : संविधान से खिलवाड़ ?

नीरज कुमार ने कहा कि लालू परिवार 20 सालों से सत्ता से बाहर है, क्या उनकी बुद्धि भी कारावास में बंद है? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या संविधान सरकार को हर घर में सरकारी नौकरी देने का अधिकार देता है? नीरज ने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी का यह वादा संविधान की अनदेखी और जनता को गुमराह करने की कोशिश है।'

अज्ञानता का तांडव :

जेडीयू नेता ने बिहार के जातिगत सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में 2 करोड़ 76 लाख 68 हजार 930 परिवार हैं। यदि हर परिवार के चार सदस्य शैक्षणिक योग्यता रखते हैं, तो क्या सभी को सरकारी नौकरी देना संभव है? उन्होंने तेजस्वी के विशेषज्ञों की राय के दावे पर भी चुटकी ली, पूछा कि कौन हैं ये विशेषज्ञ, जो 'अज्ञानता का तांडव' मचा रहे हैं? नीरज ने कहा कि रोजगार केवल सरकारी क्षेत्र तक सीमित नहीं, निजी और गैर-सरकारी क्षेत्रों में भी अवसर हैं। यह वादा महज चुनावी जुमला है।

राजद के पुराने फैसलों पर निशाना :

नीरज कुमार ने राजद के अतीत की ओर इशारा करते हुए कहा कि पहले भी नौकरी के बदले जमीन लेने की बात हुई थी, जिसे बाद में लौटाना पड़ा। उन्होंने जनता से अपील की कि ऐसे अव्यवहारिक वादों को केवल चुनावी लालच न समझें, बल्कि वास्तविकता को परखें।

चुनाव में रोजगार बना बड़ा मुद्दा :

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी का यह वादा ग्रामीण और युवा मतदाताओं को लुभाने की रणनीति है। वहीं, विपक्ष इसे असंभव बताकर इसका विरोध कर रहा है। इस विवाद ने बिहार चुनाव में रोजगार और सरकारी नौकरियों को प्रमुख मुद्दा बना दिया है। अब जनता की प्रतिक्रिया और इसका चुनावी नतीजों पर असर देखना बाकी है।

रिलेटेड टॉपिक्स