फिरोजाबाद के स्कूल में रामलीला पर लगी रोक पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला

फिरोजाबाद में सुप्रीम कोर्ट ने रामलीला पर हाई कोर्ट की रोक हटा दी। टूंडला स्कूल मैदान में 100 वर्षों से होने वाली रामलीला को पुनः शुरू करने की अनुमति दी। कोर्ट ने हाई कोर्ट से सभी पक्षों को सुनकर जल्द फैसला लेने और वैकल्पिक स्थान पर विचार करने को कहा।

फिरोजाबाद के स्कूल में रामलीला पर लगी रोक पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला

फिरोजाबाद में सुप्रीम कोर्ट ने रामलीला पर हाई कोर्ट की रोक हटाई

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Highlights

  • हाई कोर्ट के रामलीला पर रोक के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित किया।
  • हाई कोर्ट याचिका में प्रदीप राणा ने मैदान अतिक्रमण और पढ़ाई में बाधा का आरोप लगाया।
  • भविष्य में रामलीला के लिए स्कूल मैदान के बजाय अन्य स्थान पर विचार।

फिरोजाबाद : यूपी के फिरोजाबाद में एक स्कूल के मैदान में इस वर्ष  की रामलीला दोबारा शुरू होने वाली है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने रामलीला बंद करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारें में कहा है कि उस मैदान में रामलीला लगभग 100 वर्ष से हो रही है। उत्सव को बीच में रोक देना उचित नही होने वाला है। 

वहीं सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने इस बारें में कहा है कि, 'हाई कोर्ट में याचिका तब दाखिल की गई है, जब इस वर्ष का उत्सव शुरू हो गया। याचिकाकर्ता केस में सीधे प्रभावित नहीं हो पाए। फिर भी यदि वह बच्चों की पढ़ाई को लेकर बेहद ही परेशान है, तो उसे पहले याचिका दाखिल करनी चाहिए थी।'

खबरों का कहना है कि फिरोजाबाद के टूंडला के परिषदीय विद्यालय में होने वाली रामलीला के विरुद्ध प्रदीप राणा नाम के व्यक्ति ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। उसने इल्जाम लगाया है कि बच्चों के खेल के मैदान का अतिक्रमण भी किया गया। इससे पढ़ाई को हानि पहुंच रही है। मैदान में सीमेंट की टाइल भी लगाई गई हैं जो इसके स्वरूप को पूरी तरह से बिगाड़। इस याचिका को सुनते हुए 22 सितंबर को हाई कोर्ट ने रामलीला पर रोक लगाई थी। इसके पश्चात प्रशासन ने कार्यक्रम पर रोक दिया था।

हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट पहुंची रामलीला कमेटी ने इस बारें में कहा है कि याचिकाकर्ता ने जानबूझकर उसे पक्ष बनाया। हाई कोर्ट ने भी कमेटी से किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन इस पर सीधे रोक लगा दी। रामलीला का आयोजन सांय 7 से 10 बजे के मध्य होता है इसलिए, पढ़ाई को हानि की दलील बेहद ही गलत है। मैदान में सीमेंट की टाइल इसलिए लगाई गई क्योंकि वह बारिश की वजह से पूरी तरह से भीग गया। 

आयोजन कमेटी ने यह भी जानकारी दी है कि उसी मैदान में लगभग 100 वर्ष से रामलीला का मंचन किया जा रहा है। स्कूल, अभिभावकों या छात्रों ने कोई शिकायत भी नहीं की। सुप्रीम कोर्ट ने थोड़ी देर की बहस  के पश्चात उन्होंने कहा है कि आयोजन कमेटी हाई कोर्ट में पक्ष बनने के लिए आवेदन दे। हाई कोर्ट सभी पक्षों को सुन कर फैसला लें। फिलहाल रामलीला पर रोक लगाने वाले आदेश को स्थगित किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस बारें में कहा है कि हाई कोर्ट केस पर जल्द सुनवाई करे। इतना ही नहीं याचिकाकर्ता और रामलीला आयोजन कमेटी के साथ साथ स्थानीय प्रशासन को भी सुनाया जाना चलिए। इस बात पर विचार हो कि क्या भविष्य में रामलीला आयोजन के लिए किसी स्कूल के मैदान के स्थान पर कोई वैकल्पिक स्थान उपलब्ध किया जा सकता है।

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