
नई दिल्ली : हमास एवं इजराइल के मध्य वर्ष 2023 में 7 अक्टूबर से जंग शुरू हुई थी। हमास ने इजराइल पर अटैक कर दिया था उसके पश्चात फिर निरंतर 2 वर्ष तक गाजा ने अटैक की मार भी झेली। लेकिन, इसी के पश्चात अब युद्धविराम पर फाइनल मुहर लग चुकी है। मिस्र में गाजा पीस डील पर हस्ताक्षर भी किए गए। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप एवं मिस्र, कतर, तुर्की के नेताओं ने गाजा में शांति बहाल करने के लिए गाजा पीस डील पर साइन किया है। यह समझौता मिस्र के रिसॉर्ट शहर शर्म अल-शेख में आयोजित शिखर सम्मेलन में ही हुआ था।
डोनाल्ड ट्रंप ने इस अवसर पर कहा है कि, एक नया एवं खूबसूरत दिन शुरू होने वाला है, अब पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है। वैन इस बारें में उन्होंने क्षेत्रीय नेताओं की तारीफ की जिन्होंने इजराइल और हमास के मध्य युद्धविराम समझौते को अंतिम रूप देने में अपनी खास भूमिका अदा की है। इसके पूर्व ट्रंप ने इजराइली संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि लंबा एवं दर्दनाक डरावना सपना अब आखिरकार समाप्त हो चुका है। गाजा पीस डील की वजह हमास ने 20 बंदियों को छोड़ दिया है। वहीं, इजराइल ने सोमवार को 2000 कैदियों को रिहाई दी है।
हमास-इजराइल ने नहीं लिया हिस्सा :
मिस्र में गाजा पीस डील पर जहां साइन किए। वहीं, सबसे ज्यादा होश उड़ा देने वाली बात यह रही कि खुद इजराइल और न हमास ने इसमें हिस्सा लिया। खबरें है कि दोनों ने ही समिट में भाग लेने से मना कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन एवं कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी ने संयुक्त रूप से इस दस्तावेज पर भी साइन किए है। ट्रंप ने इस बारें में कहा है कि यह दस्तावेज गाजा के भविष्य की नीव रखने वाले है।
क्या बोले ट्रंप ? :
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दस्तावेज को ऐसा करार दिया जो शांति योजना के नियम एवं ढांचा निर्धारित करेगा। उन्होंने इस बारें में कहा है कि यह समझौता आने वाले समय में गाजा में शांति बहाली की बुनियाद रखने वाला है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस बारें में कहा है कि सब खुश हैं। मैंने पहले भी बड़े-बड़े समझौते भी किए है, लेकिन यह तो रॉकेट की तरह उड़ान भर चुका है। उन्होंने मजाकिया लहजे में ये भी कहा है कि इस मुकाम तक पहुंचने में 3,000 वर्ष लग गए, यकीन कर पाएंगे?
डील में क्या-क्या? :
डील के 5 बड़े संदेश :
इस डील के बीच अमेरिकी राष्ट्रपती ट्रंप ने डील के 5 बड़े संदेश भी दे दिए है। उन्होंने एक बार फिर न्यू मिडिल ईस्ट (New Middle East) की वार्ता की है। डोनाल्ड ट्रंप ने इस बारें में कहा है कि, यह आतंक और मौत के एक युग का अंत है एवं आस्था, उम्मीद एवं ईश्वर के युग की शुरुआत है। यह इजराइल एवं इस इलाके के सभी देशों के मध्य एक समझौते की शुरुआत की है। मुझे इस पर भरोसा है। यह एक ऐतिहासिक सुबह है — एक नए मिडिल ईस्ट का उदय।
नेतन्याहू ने किया समर्थन :
डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की जमकर तारीफ की एवं घरेलू स्तर पर भ्रष्टाचार के इल्जामों का सामना कर रहे नेतन्याहू की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास किया है। इतना ही नहीं डोनाल्ड ट्रंप पहले भी नेतन्याहू के विरुद्ध चल रहे कानूनी मामलों को पूरी तरह से समाप्त करने की बात कही है। सोमवार को उन्होंने सार्वजनिक रूप से इजराइल के राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग से नेतन्याहू को माफी (pardon) देने की मांग कर दी एवं उन पर लगे गंभीर इल्जामों को हल्के में लिया — जिनमें महंगे तोहफ़े एवं रिश्वत लेने के इल्जाम भी शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय दबाव को किया स्वीकार :
अंतरराष्ट्रीय दबाव को स्वीकार करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने माना कि गाजा में हुए भयावह अत्याचारों के कारण से कई देश इजराइल के विरुद्ध होते जा रहे हैं।
ट्रंप ने इस बारें में कहा है कि, दुनिया बड़ी है और मजबूत है और अंत में दुनिया ही जीत लेती है। बीते कुछ माह में इजराइल के कई पश्चिमी सहयोगियों ने फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता भी दे दी है।
अमेरिका राष्ट्रपति ने नेतन्याहू को विजय स्वीकार करने पर शुभकामनाएं दी है। ट्रंप ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि अबइजराइल की समस्याएं खत्म हो गई हैं दुनिया फिर से इज़रायल के प्यार में है।
फिलिस्तीनियों के लिए खास सन्देश :
प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रंप ने इजराइली संसद में अपने संबोधन के दौरान फिलिस्तीनियों के लिए भी एक छोटा सा सन्देश पहुंचाया। अमेरिका के राष्ट्रपति ने गाजा के फिलिस्तीनियों से स्थिरता, सुरक्षा, गरिमा एवं आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने की मांग की है।
ईरान के बारें में हुआ जिक्र :
ईरान को लेकर मिले-जुले संकेत देते हुए ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए अटैक ने देश के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह समाप्त किया। इतना ही नहीं उन्होंने ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडरों एवं कई परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराने के लिए इजराइल की भी खुलकर सरहाना की है। डोनाल्ड ट्रंप ने तो ये भी कहा है कि अगर अमेरिका एवं इजराइल ने ईरान पर अटैक न किया होता, तो गाजा शांति समझौता संभव नहीं हो सकता।
ट्रंप का इस बारें में कहना है कि, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने से अरब देशों एवं इजराइल के मध्य औपचारिक राजनयिक संबंधों का रास्ता एवं साफ हो चुका है। साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर ये भी कहा है कि मैं प्रतिबंध हटाने के लिए तैयार हूं, जब वो वार्तालाप के लिए तैयार हों तब। वो इन प्रतिबंधों के साथ अधिक दिन नहीं टिक सकते, ये बहुत सख्त हैं।