
इन दिनों देश में एक नया कारोबार अपने पैर पसार रहा है। सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन इस काम के लिए पैसा भी मिलता है। दिल्ली-NCR में इन दिनों कडल-थेरेपी के नाम का एक कारोबार आया है इसमें पैसे लेकर गले लगाने से लेकर भावनात्मक रूप से सहारा देने जैसी योजना होती है। सेवा देने वाले इसे अकेलेपन को दूर करने और इमोशनल सपोर्ट करने के नाम से पेश कर रहे है।
सेवा लेने के लिए आपको करीब पांच से दस हजार रूपये तक का खर्च उठाना पड़ सकता है। इस सेवा में यानी कडल-थेरेपी में गले लगाकर अकेलापन दूर करना, साथ बैठ कर बात करना, हाथ पकड़ कर बैठना, फिल्म देखना, मनोरंजन करना, शारीरिक-सहानुभूति शामिल है। खबरों की माने तो यह सेवा करीब 3 घंटे के पांच से दस हजार रूपये तक लेती है।
क्या है कडल-थेरेपी ?
कडल-थेरेपी सेवा में सेवा लेने और देने वाला आपस में मिलते है, जिसकी बुकिंग पहले ही हो जाती है। इसमें स्त्री और पुरुष दोनों ही सेवा देते है। जिसमे दो लोग साथ में बैठते है और वक्त बिताते है। खबरों के अनुसार कुछ सेवा लेने वालो का कहना है की वक्त बिताने से लेकर कई बार हैप्पी-एंडिंग जैसा मूवमेंट भी आ जाता है। यानि की कुछ मामलों में यह बात इंटिमेसी तक पहुंच जाती है। ये कहा जा सकता है की आपसी सहमति से यह सेवा इंटिमेट सर्विस में बदल जाती है। अब सवाल यह उठता है की क्या यह कानूनी तौर पर सही है या गलत।
सेवा के अंतर्गत कुछ लोग फ्रीलांसर है जो यह काम कर रहे है। जिसमे कोई प्राइवेट स्पेस से लेकर होटल तक में मिलने का विकल्प मिलता है। जहां सेवा के अनुसार अकेलेपन को दूर करने और मनोरंजन किया जाता है। फिलहाल यह व्यापार छोटा दिखाई देता है लेकिन इसकी मांग बढ़ती जा रही है।
घटना का शिकार भी हो सकती है कडल-थेरेपी !
यह सेवा सुनने में जितनी अजीब है उतनी ही संवेदनशील भी है। बिना किसी के जान पहचान के अजनबी से मिलना और साथ समय बिताना घातक भी साबित हो सकता है। जिसमे शारीरिक, मानसिक, शोषण या ब्लैकमेलिंग का शिकार भी बनाया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है की अकेलेपन की समस्या से निजात पाने के लिए मनोचिकित्सक ही विकल्प होना चाहिए।
कानूनी रूप से कहा जाए तो यह सेवा अगर इंटिमेट सर्विस बन जाए तो यह जांच और कार्रवाई का विषय बन सकती है। जिसके लिए नियम और शर्ते जरुरी है और इसकी निगरानी भी होनी चाहिए। जिसमे हर चीज स्पष्ट रूप से बताई गई हो।
इस प्रकार की सेवाओं को शुरू करने से पहले इसका सुरक्षा प्रोटोकॉल तथा पंजीयन होना चाहिए। ताकि सेवा लेने वाले की सुरक्षा भी हो सके। इस तरीके की सेवा ने देश की राजधानी से अपनी शुरुआत तो की है, लेकिन क्या यह यही रुकेगा या देश के अन्य शहरो में भी अपना कारोबार बढ़ाएगा यह तो आने वाले समय में पता लगेगा।