नई दिल्ली : बीते बुधवार यानी 30 जुलाई 2025 को अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान कर दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाने का एलान करते हुए कहा है कि दोस्त होने के बाद भी भारत एवं अमेरिका ने अपेक्षाकृत कम बिज़नेस किया। इतना ही नहीं भारत अब उन देशों की सूची में शामिल हो चुका है जिनसे अमेरिका 1 अगस्त से टैरिफ वसूलने वाला है। आखिर इस टैरिफ से किन सेक्टर्स पर क्या असर पड़ने वाला है?
इन सेक्टर पर पड़ेगा ट्रंप के टैरिफ से असर :
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि वह सभी वस्तुएं और सेक्टर जिनका भारत निर्यात करता है उन कंपनियों पर तगड़ा प्रभाव देखने के लिए मिल सकता है। वहीं ऑटो कंपोनेंट बनाने वाली टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री, मेटल, कंपनियां एवं फार्मा कंपनीज पर ट्रंप के टैरिफ का प्रभाव भी देखने के मिलेगा। इतना ही नहीं भारत से आयात होने वाली वस्तुएं अमेरिका में महंगी दरों पर मिलना शुरू हो जाएगी। इससे उनकी बिक्री कम होगी और कंपनियों को भी घाटा होने लग जाएगा।
प्रभावित होगा सीफूड का निर्यात :
खबरों का कहना है कि कृषि अर्थशास्त्री ने इस बारें में कहा है कि अमेरिका के इस टैरिफ से भारत का सीफूड, खासकर श्रिंप निर्यात बुरी तरह प्रभावित होगा। अमेरिका ने इक्वाडोर पर कम टैरिफ लागू कर दिया गया है, उसे इसका लाभ भी मिलेगा। वहीं भारत के सीफूड निर्यात में लगभग 66% श्रिंप का भी भाग है। इतना ही नहीं साल 2024-25 में भारत ने 4.88 अरब डॉलर के श्रिंप का निर्यात भी किया भारत का लगभग आधा श्रिंप निर्यात अमेरिका को ही मिलता है।
कृषि अर्थशास्त्री के अनुसार भारत के टेक्सटाइल निर्यात पर भी इस टैरिफ पर प्रभाव देखने के लिए मिलेगा। इंग्लैंड के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) से हमें जो लाभ प्राप्त हुआ था, वह अमेरिका के टैरिफ की वजह से न्यूट्रलाइज होने लग जाएगा।
अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ पर भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (FIEO) के डीजी एवं CEO डॉ. अजय सहाय ने इस बारें में कहा है कि, "भारत पर जो 25% ड्यूटी लगा दी गई, वह थोड़ी अधिक है। हम अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर भी बातें कर रहे है। इसके साथ साथ क्या पेनाल्टी लगने वाली है, वह अभी स्पष्ट नहीं है।"
उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि "इस ड्यूटी के एलान के पश्चात भारत के निर्यातकों और अमेरिका के आयातकों के मध्य वार्ता होगी। हमें देखना होगा कि इस ड्यूटी को किस हद तक एब्जॉर्ब भी कर सकते है। अमेरिका के आयातकों से दीर्घकालिक संबंधों की भी बात कर पाएंगे, क्योंकि कुछ ही माह में भारत और अमेरिका के मध्य द्विपक्षीय व्यापार समझौता होगा जिससे यह ड्यूटी बहुत ही नीचे आ सकती है।"
87 बिलियन डॉलर के निर्यात पर होगा गहरा असर :
अमेरिका के नए टैरिफ से इंडिया अमेरिका को भारत के माल निर्यात पर प्रभाव पड़ने का अनुमान लगाया रहा है, वर्ष 2024 में यह लगभग 87 बिलियन डॉलर का ही है। जिन वस्तुओं और सेवाओं पर असर पड़ सकता है उनमें श्रम-प्रधान उत्पाद जैसे वस्त्र, फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और आभूषण, और पेट्रोकेमिकल्स भी जुड़ चुका है।
वर्तमान में अमेरिका का इंडिया के साथ 45.7 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा हुआ है। व्हाइट हाउस ने पहले भारत को उसके उच्च औसत लागू टैरिफ को लेकर वार्निंग दी थी। कृषि उत्पादों पर लगभग 39%, वनस्पति तेलों पर दरें बढ़कर 45% और सेब और मक्का पर लगभग 50% हुई।
भारत करेगा जवाबी कार्रवाई :वर्ष 2024 2024 में अमेरिका से इंडिया को 42 बिलियन डॉलर के विनिर्माण निर्यात और ऊर्जा निर्यात (जैसे तरलीकृत प्राकृतिक गैस, कच्चा तेल और कोयला) पर भारत प्रतिक्रिया में जवाबी कार्रवाई कर सकता है। भारतीय अधिकारियों ने इस बारें में बोला है कि वह अमेरिका को चीन के मुकाबले एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार मानते हैं, लेकिन उन्हें कृषि, डेटा गवर्नेंस और सरकारी सब्सिडी पर अपनी नीतियों को बनाए रखने की आवश्यकता है।