
भारत में पशु-पक्षियों का हमेशा से विशेष महत्व रहा है। गाय, कुत्ता, बिल्ली, हाथी, घोड़ा और पक्षियों को न केवल धार्मिक मान्यताओं से जोड़ा गया है बल्कि वास्तु शास्त्र में भी इनका गहरा प्रभाव माना गया है। खासकर बिल्ली (Cat) को लेकर कई तरह की धारणाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं। जहां एक ओर कुछ लोग बिल्ली के रास्ता काटने को अशुभ मानते हैं, वहीं वास्तु शास्त्र में बिल्ली के पालन और उसके रंग को लेकर विशेष नियम बताए गए हैं।
बिल्ली और भारतीय मान्यताएं :
भारतीय संस्कृति में बिल्ली को लेकर कई कहावतें और मान्यताएं आज भी कई लोग मानते है। ग्रामीण क्षेत्रों में माना जाता है कि बिल्ली घर में नकारात्मक ऊर्जा को अपने ऊपर ले लेती है। वहीं कुछ लोग इसे धन, सुख और समृद्धि का प्रतीक भी मानते हैं। खासतौर पर देवी शश्ठी की सवारी बिल्ली को माना जाता है, जो संतान सुख और परिवार की रक्षा का प्रतीक है।वास्तु शास्त्र इस धारणा को और मजबूत करता है। इसमें कहा गया है कि बिल्ली के रंग और उसकी गतिविधियां घर के वातावरण और ऊर्जा प्रवाह पर गहरा प्रभाव डालती हैं।
वास्तु शास्त्र में बिल्ली का महत्व :
वास्तु शास्त्र की माने तो, बिल्ली को नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने वाली जीव माना गया है। बिल्ली की उपस्थिति से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कई बार परिवार के सदस्यों को अनजाने खतरों से भी सुरक्षा मिलती है। बिल्ली को नकारात्मक शक्तियों को पहचानने की अद्भुत क्षमता प्राप्त है। रात में बिल्ली की दृष्टि और उसकी सतर्कता को वास्तु में सुरक्षा का प्रतीक माना गया है। बिल्ली के रंग को घर की समृद्धि और शांति से सीधे जोड़ा गया है।
किस रंग की बिल्ली है शुभ? :
1. सफेद बिल्ली (White Cat) :
सफेद रंग को पवित्रता, शांति और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सफेद बिल्ली का होना बेहद शुभ माना गया है।
2. काली बिल्ली (Black Cat) :
भारतीय समाज में काली बिल्ली को लेकर सबसे ज्यादा भ्रांतियां हैं। अक्सर माना जाता है कि काली बिल्ली रास्ता काट दे तो काम बिगड़ सकता है। लेकिन वास्तु शास्त्र इसके बिल्कुल विपरीत संकेत देता है।
3. सुनहरी या पीली बिल्ली (Golden/Yellow Cat) :
यह रंग धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। सुनहरी रंग की बिल्ली को घर में पालने से आर्थिक सुख-समृद्धि बढ़ने की मान्यता है।
व्यापार में वृद्धि होती है।
घर में लक्ष्मी का वास होता है।
सुनहरी बिल्ली को विशेष रूप से व्यापारी वर्ग के लिए शुभ माना गया है।
4. धूसर/ग्रे बिल्ली (Grey Cat) :
ग्रे रंग संतुलन और स्थिरता का प्रतीक है। घर में ग्रे बिल्ली होने से जीवन में स्थिरता और संतुलन बना रहता है।
5. त्रिवर्णी बिल्ली (Three-Colored Cat – Calico Cat) :
त्रिवर्णी बिल्ली यानी जिसमें सफेद, काला और सुनहरा या भूरा रंग मिला होता है, उसे वास्तु शास्त्र में बेहद शुभ माना गया है।
बिल्ली पालने से जुड़े वास्तु नियम :
बिल्ली से जुड़े वैज्ञानिक पहलू :
बिल्ली से जुड़ी विश्व की मान्यताएं :
किन लोगों के लिए कौन सी बिल्ली शुभ? :