नई दिल्ली: व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने ब्रिक्स देशों को खून चूसने वाला दानव (वैंपायर) बताया है और कहा है कि ये संगठन लंबे वक़्त तक टिक नहीं सकेगा क्योंकि ये देश एक दूसरे से बहुत ही ज्यादा नफरत भी करते है। उन्होंने इंडिया पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ को लेकर कहा कि भारत को किसी न किसी वक़्त अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं पर सहमति देनी ही होगी, यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह रूस और चीन के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है, जो उसके लिए अच्छा नहीं होने वाला।
इस बारें में पीटर नवारो ने कहा है कि ' दरअसल बात ये है कि इस समूह का कोई भी देश तब तक जीवित नहीं रह सकता जब तक वह अमेरिका को अपना माल नहीं बेचता एवं जब वे अमेरिका को निर्यात कर देते है, तो वह अपनी अनुचित व्यापार नीतियों से वैंपायर्स की तरह हमारी नसों का खून चूस लेते है।'
भारत को लेकर नवारो का बयान - 'पाक को परमाणु बम देने वाला चीन है':
खबरों का कहना है कि बीते सोमवार यानि 8 सितंबर, 2025 को 'रियल अमेरिकाज वॉयस' कार्यक्रम में बात करते हुए पीटर नवारो ने इस बारें में कहा है कि 'मुझे समझ नहीं आता कि ब्रिक्स गठबंधन कैसे एक साथ रह सकता है, इतना ही नहीं क्योंकि ऐतिहासिक रूप से ये सभी एक-दूसरे से बहुत ही अधिक नफरत करते है एवं एक-दूसरे को मारते रहे हैं।' नवारो ने भारत पर ताना मारते हुए कहा है कि 'वह दशकों से चीन के साथ युद्ध लड़ रहा है और मुझे अभी याद आया, हां, पाकिस्तान को परमाणु बम चीन के हाथों ही भेजा गया था। अब आपके पास हिंद महासागर में चीनी झंडे लिए हवाई जहाज घूम रहे हैं। पीएम मोदी, देखिए आप इसे कैसे संभालते हैं।'
खबरों का कहना है कि नवारो ने चेतावनी दी कि भारत को किसी न किसी समय अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं पर सहमत होना ही पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं होता है, तो भारत रूस और चीन के साथ खड़ा नजर आएगा और यह भारत के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा, 'भारत सरकार इस बात से आहत हुई है कि मैंने भारत को टैरिफ का महाराजा कहा था, लेकिन यह बिल्कुल सच है। अमेरिका के खिलाफ दुनिया के किसी भी बड़े देश में सबसे ऊंचे शुल्क भारत ही लगाता है। हमें इससे निपटना होगा।'
नावरो ने दावा किया कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले इंडिया ने कभी रूस से तेल नहीं खरीदा था और अगर खरीदा भी तो बहुत ही कम मात्रा में। उन्होंने इस बर्न में कहा है कि इसके पश्चात भारत ने मुनाफाखोरी का रुख अपना लिया, जहां रूसी रिफाइनर भारत की जमीन पर आकर लाभ कमाने में लगे हुए है और अमेरिका के करदाताओं को इस संघर्ष के लिए और अधिक पैसा भेजना पड़ जाता है।
चीन एवं रूस की दोस्ती पर भी नवारो ने दिया बयान :
पीटर नवारो ने ये भी कहा है कि दावा किया कि रूस का चीन के साथ पूरी तरह गठजोड़ भी है। उन्होंने इस बारें में दावे किए है कि बीजिंग की नजर रूसी बंदरगाह व्लादिवोस्तोक पर है और वह पहले से ही बड़े पैमाने पर अवैध आव्रजन के माध्यम से साइबेरिया, जो रूसी अर्ध-साम्राज्य का सबसे बड़ा भूभाग कहा है कि पर उपनिवेश स्थापित कर चुका है। उन्होंने इस बारें में कहा है कि पुतिन को इसके लिए शुभकामनाएं कि चीन ये सब कर रहा है।
ब्राजील के राष्ट्रपति की नीतियों पर भी बोले नवारो :
मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि ब्राजील को लेकर नवारो ने इस बारें में कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डिसिल्वा की समाजवादी नीतियों की वजह से गर्त में जाने लगी है जबकि उन्होंने उस देश के असली नेता को जेल में रखा गया है। इतना ही नहीं उनका इशारा ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो की ओर था, जो फिलहाल नजरबंद हैं एवं 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में हार के पश्चात तख्तापलट की साजिश रचने के इल्जाम में मुकदमे को भी झेल रहा है।
ब्रिक्स में मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका शामिल थे, लेकिन इसका 2024 में विस्तार करके जिसमे मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया और 2025 में इंडोनेशिया भी इसमें शामिल हो चुका है।