बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बीते वर्ष बड़े छात्र विरोध प्रदर्शनों के बीच सुरक्षा बालों को गोली मार देने निर्देश जारी कर दिया है, अब ये दावा भी किया जा रहा है कि लीक ऑडियो कॉल में किया गया है इस बात की पुष्टि BBC ने भी कर दी है, इस रिकॉर्डिंग में शेख हसीना को प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध जानलेवा हथियारों के उपयोग की भी मंजूरी देते हुए सुन सकते है, वह बोलती है कि 'जहां कहीं भी मिलें, उन्हें गोली मार दी जाएगी।'
ये विरोध प्रदर्शन गवर्नमेंट जॉब्स में रिजर्वेशन प्रणाली के विरुद्ध शुरू किया गया था, लेकिन कुछ ही समय शुरू हुआ था, लेकिन कुछ ही वक़्त ये देश के कोने कोने उग्र अंदोलन के रूप में बदल गया, इतना ही नहीं इस जनविरोध के चलते अंततः शेख हसीना को सत्ता से बाहर होना पड़ा। UN जांच के मुताबिक, इस दमन में तकरीबन 1,400 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया, जो कि 1971 के युद्ध के पश्चात की सबसे भयंकर राजनीतिक हिंसा साबित हुई थी।
अब तक मिली जानकारी में ये सामने आया है कि 5 अगस्त को ढाका के जात्रा बाड़ी क्षेत्र में सेना की वापसी के पश्चात पुलिस ने जमकर गोलीबारी की है, वहीं उसके बाद मिले सबूतों के मुताबिक कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई थी ये घटनाएं सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जनता का आक्रोश और बढ़ गया था। इस घटना के सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद लोगों के बीच आक्रोश और भी ज्यादा बढ़ गया, इसके बाद हिंसा ने जन्म लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि शेख हसीना के विरुद्ध मानवता के विरुद्ध क्राइम, उकसाव, साजिश एवं जनसंहार के निर्देश देने जैसे गंभीर इल्जाम लगाए है, वह गवर्नमेंट के गिरने से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के विरुद्ध मानवता के विरुद्ध अपराध, उकसावे, साजिश और जनसंहार के आदेश देने जैसे गंभीर इल्जाम है। वह गवर्नमेंट गिरने से पहले भारत के लिए भाग गई। ढाका ने प्रत्यर्पण की अपील की है लेकिन भारत ने अब तक उन्हें नहीं सौंपा है। उनके लौटने की संभावना बेहद ही कम कही जा रही है। इतना ही नहीं 203 लोगों पर भी इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल (ICT) द्वारा इल्जाम तय कर दिए गए है, जिनमें कई पूर्व पुलिस और सरकारी अधिकारी शामिल हैं। 73 आरोपी हिरासत में लिया जा चुका है। खबरों का कहना है कि शेख हसीना के हटने बाद से ही देश आगामी आम इलेक्शन की तैयारी कर रहे है।