युवाओं को "सॉफ्ट पॉर्न" पेश करने वाले 25 OTT प्लेटफॉर्म हुए बंद

युवाओं को "अश्लील" और "सॉफ्ट पॉर्न" कंटेंट की पेशकश करने वाले 25 OTT प्लेटफॉर्म को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है, इनमे उल्लू, एएलटीटी (ऑल्टबालाजी), डेसिफ़्लिक्स, बिग शॉट्स ऐप जैसे कई प्लेटफॉर्म का नाम शामिल है.

युवाओं को

भद्दे और "अश्लील" कंटेंट दिखाने वाले 25 OTT प्लेटफॉर्म हुए बंद

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Highlights

  • बैन किए गए 25 OTT प्लेटफॉर्म।
  • उल्लू, ALTT, Desiflix सहित कई OTT पेश कर रहे थे अश्लील कंटेंट।
  • OTT प्लेटफॉर्म्स को आचार संहिता फॉलो करने की एडवाइजरी जारी।

मिनिस्ट्री ऑफ़ इनफार्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग (MIB) ने शुक्रवार यानी को देश में उल्लू, ALTT (AltBalaji), Desiflix सहित 25 OTT प्लेटफॉर्म्स को पूर्ण रूप से बैन कर दिया गया है। गवर्नमेंट का बोलना है कि इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने "अश्लील" और "सॉफ्ट पॉर्न" कंटेंट को लोगों के सामने पेश करके भारतीय IT नियमों का उल्लंघन कर दिया है। अब यूजर्स इंडिया में इन APP, वेबसाइट्स एवं इनसे जुड़े सोशल मीडिया हैंडल्स को एक्सेस नहीं कर पाएंगे।

इस बारें में सरकार का कहना है कि बैन किए गए सभी ऐप्लिकेशन व OTT सर्विसेज पर अश्लील वेब सीरीज एवं कंटेंट को “एंटरटेनमेंट” या “वेब सीरीज” के नाम पर ही लोगों के लिए पेश करते है। इसमें  इनडिसेंट सिचुएशंस, सेक्स, न्यूडिटी, और बॉडी शेमिंग जैसी थीम्स जानबूझकर ही पेश की गई थी जो IT Act 2000 और इंडेंट रिप्रजेंटेशन ऑफ़ वीमेन (Prohibition) Act, 1986 का उल्लंघन किया है। इसके साथ साथ, एक्सपर्ट्स की सलाह और कई मंत्रालयों की आपत्ति के पश्चात  इस जांच को शुरू किया गया।

किन-किन प्लेटफॉर्म्स पर लगी रोक? :

सरकार ने कुल 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया है। इनमें प्रमुख नाम हैं: उल्लू, एएलटीटी (ऑल्टबालाजी), डेसिफ़्लिक्स, बिग शॉट्स ऐप, बूमेक्स, नवरसा लाइट, गुलाब ऐप, कंगन ऐप, बुल ऐप, जलवा ऐप, मनोरंजन देखो, मूडएक्स, नियॉनएक्स वीआईपी, फेनो, हिटप्राइम। इतना ही नही सरकार ने यह बैन इन प्रमुख कानूनों के अंतर्गत लगाया है, जिनमें इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 (Section 67 & 67A), भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Section 294), इंडेंट रिप्रजेंटेशन ऑफ़ वीमेन (Prohibition) एक्ट, 1986 (Section 4) शामिल हैं।

MIB का इस बारें में कहना है कि कई बार मिली शिकायतों, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) जैसी संस्थाओं के रेफरेंस ने इस कार्रवाई को अदा किया है। इससे पहले फरवरी में भी OTT प्लेटफॉर्म्स को आचार संहिता फॉलो करने की एडवाइजरी भी जारी कर दी है, लेकिन कंपनियां इससे बचती रहीं। सरकार ने इस बारें में कहा है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी है कि वे अपने कंटेंट को 'क्रिएटिव एक्सप्रेशन' के नाम पर अभद्रता या अभिव्यक्ति का माध्यम न बनाएं। 

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