गाजियाबाद की आलीशान कोठी में चलाया जा रहा था फर्जी दूतावास, STF ने की छापेमारी

गाजियाबाद की एक आलीशान कोठी में दूतावास चलाया जा रहा था. उत्तरप्रदेश STF ने इस पूरे केस का भंडाफोड़ भी कर दिया है. इस बीच अपराधी को पकड़ लिया गया है, वह खुद को कई देशों का ‘राजदूत’ भी कहता था. उसने लग्जरी गाड़ियों पर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट और विदेश विभाग की मुहर वाले फर्जी दस्तावेज भी तैयार कर रहा था.

गाजियाबाद की आलीशान कोठी में चलाया जा रहा था फर्जी दूतावास, STF ने की छापेमारी

उत्तरप्रदेश STF की पकड़ में आया हर्षवर्धन जैन

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Highlights

  • गाजियाबाद की एक आलीशान कोठी फर्जी दूतावास चला रहा था हर्षवर्धन जैन।
  • नौकरी का लालच देकर हर्षवर्धन ठगता था पैसे।
  • STF ने की हर्षवर्धन के ठिकानों पर छापेमारी।

गाजियाबाद: उत्तरप्रदेश में गाजियाबाद की एक पॉश कॉलोनी में उस समय हंगामा मच गया, जब उत्तरप्रदेश STF(नोएडा यूनिट) ने एक आलीशान कोठी पर छापा मारा गया। इस छापेमारी के बीच एक ऐसा फर्जी दूतावास को पकड़ लिया गया है, जिसे देखकर अफसर खुद भी हैरान हो गए है, इस बीच घटना से हिरासत में लिए गए शख्स हर्षवर्धन जैन है, जो कि कविनगर गाजियाबाद का निवासी है, हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि अपराधी हर्षवर्धन खुद को Saborga, Poulvia, West Arctica, एवं Lodonia जैसे काल्पनिक या माइक्रो-नेशन्स के राजदूत (Ambassador) बताकर कई वर्ष से नकली दूतावास का संचालन कर रहा था।

इतना ही नहीं अपराधी के पास 4 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी हुई शानदार और लग्जरी गाड़ियां है, वहीं 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट और विदेश मंत्रालय की नकली मुहरें भी जब्त की गई हैं। इतना ही नहीं ,उसके पास 34 अलग-अलग विदेशी कंपनियों और देशों की मोहरें, फर्जी प्रेस कार्ड, पैन कार्ड और तकरीवबन 44.7 लाख रुपये कैश पाए गए है। इतना ही नहीं कई फॉरेन करेंसी और कुल 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट भी जब्त की जा चुकी है।

अपराधी हर्षवर्धन लोगों को झांसे में लेने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति और अन्य VIP हस्तियों के साथ मॉर्फ की हुई फोटोज का उपयोग कर रहा था, इतना ही नहीं सोशल मीडिया एवं वेबसाइट पर इन्हीं फर्जी तस्वीरों के माध्यम से लोगों को बातों में फंसा लेता था एवं उन्हें झांसे में लेकर विदेशों में कार्य दिलाने के नाम पर बड़ी दलाली भी किया करता था।

हवाला रैकेट और शेल कंपनियों के साथ जुड़ा है तार :

STF का कहना है कि अपराधी हर्षवर्धन का अहम् काम विदेश में जॉब के नाम पर दलाली,फर्जी दस्तावेज बनाने एवं शेल कंपनियों के जरिए से हवाला ट्रांजेक्शन करता था। प्रारंभिक कार्रवाई में यह भी सामने आया है कि वह पहले भी विवादों में भी रहा है। वर्ष 2011 में अवैध सैटेलाइट फोन रखने के केस में उसके विरुद्ध थाना कविनगर में केस दर्ज किया जा चुका है। इसके साथ साथ उसका नाम कुख्यात चंद्रास्वामी और इंटरनेशनल आर्म्स डीलर अदनान खगोशी से संपर्कों में भी जुड़ा हुआ था।

STF की जांच के पश्चात कविनगर थाने में आरोपी के विरुद्ध केस दर्ज किया गया था। खबरों का कहना है कि अभी आरोपी से पूछताछ चल रही है, वहीं इस बारें में पता लगाया जा रहा है उसकी नेटवर्थ अब तक कहा पहुंची और कहा तक फैला हुआ है उसका व्यपार। और अब तक कितने लोगों को वह अपने जाल में फंस गया है। पुलिस और जांच एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुट गई हैं।

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