100 साल बाद बन रहा अनोखा संयोग, अंधकार में डूब जाएंगे दुनियाभर के कई देश

आज से दो वर्षों के पश्चात साल 2027 में दुनियाभर में सबसे लंबा ग्रहण लगने वाला है, ये ग्रहण इतिहास का सबसे बड़ा ग्रहण कहा जा रहा है जो की पूरे 100 वर्षों के पश्चात लगेगा। हालाँकि इस ग्रहण का असर भारत में नहीं लेकिन जिन देशों में ये ग्रहण दिखाई देगा वह दिनदहाड़े अंधकार में डूब जाएंगे।

100 साल बाद बन रहा अनोखा संयोग, अंधकार में डूब जाएंगे दुनियाभर के कई देश

2 अगस्त 2027 को अंधकार में डूब जाएगा अरब

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Highlights

  • 2027 में लगेगा इतिहास का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण।
  • ग्रहण के अंधकार में डूब जाएंगे दुनिया के कई देश।
  • 100 सालों बाद बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा सूर्य-ग्रहण।

नई दिल्ली: पूरी दुनिया सबसे बड़े सूर्य ग्रहण का गवाह बनने जा रही है, ये पूर्ण सूर्य ग्रहण बोला जा रहा है। वहीं यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और अरब के कई भागों में 2 अगस्त, 2027 को ये दुर्लभ पूर्ण सूर्यग्रहण नजर आने वाला है। लेकिन सभी के बीच सबसे हैरान कर देने वाली बात तो इस ग्रहण का समय है। इस सूर्य ग्रहण के 6 मिनट और 23 सेकंड तक चलने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसा तकरीबन 100 वर्ष में ही एक बार होता है और ये संयोग वर्ष 2027 में होने वाला है, जब साल का सबसे लंबा चलने वाला सूर्य ग्रहण लगेगा।

खगोल विज्ञान में रूचि रखने वालों के लिए 2 अगस्त, 2027 का सूर्य ग्रहण बेहद ही खास होने वाला है। विश्व के बड़े हिस्से के लिए इस बीच सूर्य आंखों के सामने से पूरी तरह से गायब हो जाएगा। दुनिया तकरीबन छह मिनट के लिए पूरी तरह से अंधकार में डूब जाएगी। ये ग्रहण सैकड़ों सालों के बाद सबसे लंबा ग्रहण होंगे वाला है। इतिहास का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण 743 ईसा पूर्व पहले ही देखने के लिए मिला था, उस समय ये ग्रहण 7 मिनट और 28 सेकंड का था।

कहां-कहां दिखाई देगा पूर्ण सूर्य ग्रहण :

खबरों का कहना है कि 2 अगस्त 2027 में होने वाला ग्रहण का पूर्ण पथ 275 KM चौड़ा होने वाला है। ऐसे में ये कई महाद्वीपों को कवर करता हुआ दिखाई देगा। अफ्रीका के अधिकांश देशों से इसे देख पाएंगे। ये सूर्य ग्रहण अटलांटिक महासागर से शुरू होकर जिब्राल्टर जलडमरूमध्य, दक्षिणी स्पेन, उत्तरी अफ्रीका से अरब प्रायद्वीप तक देखने के लिए मिलेगा। लेकिन इसका असर हिन्द महासगार के ऊपर थोड़ा धुंधला होगा। लेकिन पूर्ण रूप से लगने वाला ये सूर्य ग्रहण सबसे पहले साउथ स्पेन, जिब्राल्टर एवं मोरक्को में नजर आने वाला है।

इसके पश्चात अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया और मिस्र में सूर्य ग्रहण उस समय होगा, जब वह आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर दिखाई देगा। मिस्र के पश्चात सूर्य ग्रहण लाल सागर को पार करते हुए सऊदी अरब, यमन और सोमालिया को अंधकार में डूबो देगा। इतना ही नहीं स्पेन के काडिज और मलागा शहरों में चार मिनट से अधिक अंधेरा में रहेगा।

क्या भारत में दिखाई देगा ये ग्रहण? :

साल 2027 यानि कि अब से पूरे दो वर्ष के पश्चात अगस्त के माह में पूर्ण सूर्यग्रहण भारत एवं आसपास के देशों में दिखाई नहीं देने वाला। ऐसे में भारतीयों को थोड़ी निराशा भी हो सकती है, वहीं लीबिया का बेंगाजी इस सूर्य ग्रहण को देखने के लिए एक अच्छा स्थान होने वाला है। मिस्र के ऐतिहासिक शहर लक्सर के पास 6 मिनट तक घना अंधेरा देखने के लिए मिलेगा।

खबरों का कहना है कि इटली का लैम्पेडुसा द्वीप लगभग पूरी तरह से ढका हुआ रहने वाला है।  मक्का, यमन और सोमालिया और सऊदी अरब के जेद्दा के कुछ भाग ग्रहण देखने वाले अंतिम स्थान होंगे। एक्सपर्ट का इस बारें में कहना है कि 2027 के वर्ष इस तरह का सूर्य ग्रहण शायद 2114 में होने वाला है।

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