केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज से तीन दिनों के पश्चिम बंगाल दौरे पर हैं। दौरे के पहले दिन कोलकाता में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी और राज्य में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
अमित शाह ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के शासन में बंगाल भय, भ्रष्टाचार और कुशासन का शिकार रहा है, जिससे आम जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। उनके मुताबिक, खराब कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार ने राज्य की प्रगति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा कि यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है, तो विकास की रफ्तार तेज की जाएगी और उन योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर लागू किया जाएगा, जिनका लाभ अब तक आम लोगों तक नहीं पहुंच पाया है। शाह ने भरोसा दिलाया कि भाजपा सुशासन के सिद्धांतों के साथ काम करेगी और बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी पुनर्जीवित किया जाएगा।
घुसपैठ और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि बंगाल में अवैध घुसपैठ को रोकना भाजपा की प्राथमिकता होगी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार बनने पर घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शाह ने कहा कि यह कदम राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्थानीय लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक है।
अमित शाह ने यह भी दावा किया कि भाजपा दो-तिहाई बहुमत के साथ पश्चिम बंगाल में सरकार बनाएगी, क्योंकि जनता अब बदलाव चाहती है। इस दौरान उन्होंने महिला सुरक्षा का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि बंगाल में महिलाओं को भय और असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है और भाजपा सरकार बनने पर इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि TMC का शासन केंद्र विरोधी राजनीति से प्रेरित रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में हिंसा और प्रतिशोध की राजनीति को समाप्त किया जाएगा। शाह के अनुसार, अब तक 200 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है, जबकि कई कार्यकर्ता आज भी विस्थापित जीवन जीने को मजबूर हैं।
कुल मिलाकर, कोलकाता में हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अमित शाह ने पश्चिम बंगाल को लेकर भाजपा का रुख और आगे की दिशा स्पष्ट की। उनके इन बयानों के बाद राज्य की राजनीति में चर्चा तेज हो गई है और अब सभी की नजरें आगामी विधानसभा चुनावों पर टिकी हैं।