नई दिल्ली : कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अपने संसदीय इलाके रायबरेली के दो दिवसीय दौरे पर हैं। बीते बुधवार यानि 10 सितंबर 2025 को उनके काफिले को भारतीय जनता पार्टी नेताओं ने हाईवे पर रोकने का प्रयास किया। इसके विरोध में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे पर प्रदर्शन का ऐलान किया। इसके बाद पुलिस ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय समेत कई नेताओं को नजरबंद कर दिया।
रायबरेली में विरोध और सुरक्षा में चूक :
खबरों का कहना है कि बीते बुधवार यानि 10 सितंबर 2025 को योगी सरकार के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी नेता दिनेश प्रताप सिंह अपने समर्थकों के साथ लखनऊ-प्रयागराज हाईवे पर धरने पर बैठ गए। कार्यकर्ताओं ने ‘राहुल गांधी वापस जाओ’ और ‘माफी मांगो’ के नारे भी लगा दिए। इस दौरान राहुल गांधी का काफिला करीब 15 मिनट तक हाईवे पर रुका रहा। पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक भी हुई। यह पहला मौका था जब रायबरेली में राहुल गांधी की सुरक्षा में इस तरह की चूक सामने आई।
कांग्रेस का पलटवार: वाराणसी में विरोध का ऐलान :
रायबरेली की घटना के पश्चात कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी दौरे के विरुद्ध विरोध करने का निर्णय लिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि “भारतीय जनता पार्टी हमें पुलिस भेजकर रोकना चाहती है, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता गली-गली और गांव-गांव से आवाज उठाएंगे—मोदी, वोट चोरी बंद करो।” इतना ही नहीं अजय राय की घोषणा के पश्चात वाराणसी सहित कई जिलों में कांग्रेस नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। राय को लखनऊ में हाउस अरेस्ट किया गया, वहीं सोनभद्र और अन्य जिलों में कांग्रेस पदाधिकारियों को घर से बाहर निकलने नहीं दिया गया।
बीजेपी बनाम कांग्रेस का सीधा टकराव :
मीडिया रिपोर्ट्स की आने तो दिनेश प्रताप सिंह 2024 में राहुल गांधी के विरुद्ध रायबरेली से चुनाव भी लड़ा और 2019 में सोनिया गांधी को चुनौती दे चुके हैं। दूसरी ओर, अजय राय वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध लगातार तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं। रायबरेली में राहुल गांधी के विरुद्ध बीजेपी का विरोध और इसके जवाब में वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस का ऐलान दोनों दलों के बीच सीधा टकराव माना जा रहा है।