क्रिकेट इतिहास में 2025 : टूटे रिकॉर्ड, बदली किस्मत और लिखी गई नई कहानियां
साल 2025 क्रिकेट इतिहास में बदलावों का प्रतीक बना, जहां पुराने रिकॉर्ड टूटे, नए चैंपियन उभरे और कई टीमों ने दशकों पुराने इंतज़ार का अंत किया।
Tue, 30 Dec 2025 01:48 PM
टूटे रिकॉर्ड, बदली किस्मत और लिखी गई नई कहानियां
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Highlights
- भारतीय महिला टीम विश्व विजेता बनी।
- भारत ने 12 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी जीती।
- RCB और दक्षिण अफ्रीका ने लंबे इंतज़ार खत्म किए।
साल 2025 बस कुछ ही दिनों में प्रस्थान करने वाला है और 2026 का आगमन होने ही वाला है। क्रिकेट के नज़रिए से ये साल बेहद ही खास रहा। ये वो साल रहा जब क्रिकेट के पुराने दिग्गजों के किले ढह गए और नये विजेताओं ने बाज़ी मारकर अपना परचम लहराया। एक नज़र उन कुछ चुनिंदा कहानियों पर जिनके कारण ये साल क्रिकेट जगत में बड़े लंबे समय तक याद रखा जायेगा।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 52 साल बाद जीता विश्वकप
ये साल यदि किसी के लिए सबसे ज़्यादा यादगार रहा तो वो है भारतीय महिला क्रिकेट टीम। जी हाँ, बात हो रही है महिला विश्वकप की, जहाँ पहली बार भारत की शेरनियों ने ख़िताब पर अपना कब्ज़ा जमाया और एक बड़े ही लंबे इंतज़ार का शानदार अंत हुआ। फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर भारत ने करोड़ों दर्शकों के ख़्वाब को पूरा किया। भारत को इससे पहले 2005 और 2017 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी मज़बूत टीमों से हार का सामना करना पड़ा। हर भारतीय इसका जश्न ऐसे मना रहा था, मानो उसने ही ये चमचमाती ट्रॉफी जीती हो। जिस तरह भारतीय पुरुष टीम ने 1983 में विश्वकप जीतकर भारतीय क्रिकेट के एक नये अध्याय का शुभारंभ किया था, उसी तरह 2025 में विश्वकप विजय के साथ भारतीय महिला क्रिकेट के एक नये अध्याय की शुरुआत भी हो चुकी है। इस प्रतियोगिता के हर मैच में एक नयी नायिका सामने आई, चाहे वो दीप्ति शर्मा हो, स्मृति मंधाना हो या प्रतिका रावल, या सेमीफाइनल में दिग्गज ऑस्ट्रेलिया के सामने अंगद की तरह जमी रही जेमिमा रोड्रिग्ज़ के बल्ले से निकली 127* की कमाल की पारी या फाइनल में शेफाली वर्मा की धमाकेदार 78 रनों की पारी। ये तो कुछ गिनेचुने नाम ही है। ऐसे ही अन्य खिलाड़ियों के अथक परिश्रम से ही ये मुश्किल कार्य संभव हो सका।
12 सालों बाद भारतीय शेरों ने जमाया चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्ज़ा
महिलाओं के अलावा पुरुषों के लिए भी ये साल यादगार रहा जब 12 सालों के सूखे के बाद भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी फ़तेह की। टीम को इससे पहले 2017 में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इस विजय में श्रेयस अय्यर, विराट कोहली, रोहित शर्मा, केएल राहुल और शुभमन गिल जैसे दिग्गजों ने बल्ले से योगदान दिया, वहीं गेंदबाज़ी की कमान वरुण चक्रवर्ती, मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा जैसे लोगों ने संभाली। ये जीत विराट, रोहित, जडेजा और शमी जैसे खिलाड़ियों के लिए विशेष रही जो कुछ समय बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं।
खत्म हुआ RCB का 18 सालों का लंबा इंतज़ार
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के खिलाड़ियों और फैंस के लिए भी ये साल सबसे बड़ी सौगात लेकर आया। टीम ने 18 सालों के बाद आखिरकार इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की ट्रॉफी पर अपना कब्ज़ा जमाया और आलोचकों को मुँहतोड़ जवाब दिया। RCB अच्छा क्रिकेट हमेशा ही खेलती रही है, मगर निर्णायक मौकों पर कही न कही दबाव में आने या चोक करने की वजह से इस टीम का बहुत मज़ाक भी बनाया गया है। हालांकि इन सभी अच्छे बुरे पलों, 2011 और 2016 में फाइनल में मुँह की खाने के बाद अन्ततः RCB ने इस असंभव दिख रहे सपने को पूरा कर दिखाया। इस विजय में विराट कोहली, जॉश हेज़लवुड, फिल सॉल्ट, जितेश शर्मा जैसे खिलाड़ियों और फाइनल में क्रुणाल पंड्या की अहम भूमिका रही। क्रिकेट के अपने अंतिम पड़ाव में विराट के लिए ये बहुत खास और भावुक कर देने वाला पल रहा क्योंकि इस महान खिलाड़ियों के नाम कई कीर्तिमान तो है ही, साथ ही 2011 विश्वकप, 2013 चैंपियंस ट्रॉफी और 2024 की टी-20 विश्वकप की विजेता टीम के इस खिलाड़ी के पास अब तक IPL का मेडल नहीं था। इंदौर निवासियों के लिए भी ये एक गर्व का क्षण रहा, जब एक इंदौरी रजत पाटीदार की कप्तानी में टीम ने ट्रॉफी जीती। इस सीजन रजत ने भी बल्ले से अपनी टीम को बहुमूल्य योगदान दिया।
दक्षिण अफ्रीका बना WTC चैंपियन
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में चोकर्स कहे जाने वाले दक्षिण अफ्रीका के लिए भी ये साल एक सुकून भरी खबर लेकर आया। अक्सर बड़ी प्रतियोगिताओं में सेमीफाइनल या फाइनल तक पहुंचकर हर जाने वाली इस टीम ने भी टेम्बा बवुमा की कप्तानी में 2023-2025 World Test Championship (WTC) पर अपना कब्ज़ा जमाया। फाइनल में मज़बूत ऑस्ट्रेलिया को हराकर इस टीम ने बड़ा उलटफेर कर दिया और क्रिकेट के दीवानों के मन में भी एक विशेष स्थान हासिल किया। इस जीत के साथ टीम ने ये ऐलान भी कर दिया कि उन्हें किसी भी कीमत पर अंडरडॉग समझने की भूल न करें। 2025 क्रिकेट में धैर्य और निरंतरता की जीत का साल रहा। इसने साबित किया कि समय लग सकता है, लेकिन मेहनत का फल जरूर मिलता है।