मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से साइबर ठगी का एक बहुत ही चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां साइबर अपराधियों ने एक रिटायर्ड प्रोफेसर और उनकी पत्नी को 28 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर उनसे करीब 1 करोड़ 34 लाख रूपए ठग लिए। पुलिस ने इस मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी अमित कुमार ने बताया की इस दंपत्ति को 14 नवंबर को एक अनजान नंबर से कॉल आया था। कॉल करने वाले ने खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताया और कहा की उनके बैंक खाते से मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है। बातों-बातों में ठगों ने उनके कनाडा में रहने वाले बेटे से जुड़ी जानकारी भी जुटा ली। इसके बाद ठगों ने बेटे की जान को खतरे में बताया और कहा कि वो भारत वापस नहीं आ पाएगा। बेटे को लेकर दी गई धमकी के कारण ये जोड़ा डर गया और अपनी जमा-पूँजी दे डाली।
रिटायर्ड प्रोफेसर दंपती को 28 दिन डिजिटल अरेस्ट रख ठगे 1.34 करोड़, 10 आरोपी गिरफ्तार
— News Track (@newstracklive) December 31, 2025
मध्य प्रदेश के रतलाम में रिटायर्ड प्रोफेसर और निजी स्कूल में शिक्षिका रह चुकी उनकी पत्नी को 28 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर उनसे 1.34 करोड़ रुपए ठगने का मामला सामने आया है। #AmitKumar #ratlam pic.twitter.com/MAEOfIZ0j0
डर और दबाव में आकर इस दंपत्ति ने अलग-अलग बैंक खातों में 1 करोड़ 34 लाख रूपए जमा कर दिए। इस दौरान अपराधी उन्हें फ़ोन या वीडियो कॉल के ज़रिए निर्देश देते रहे, जिस कारण वे किसी से संपर्क नहीं कर सके। जब बेटा वापस लौटा तब पूरे मामले का खुलासा हुआ और पुलिस में शिकायत दर्ज की गई।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह के तार असम, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार तक जुड़े हुए है। क्रिप्टोकरंसी के ज़रिए इस राशि को कम्बोडिया तक भी पहुंचाया गया है। पुलिस ने कुछ बैंक खातों को फ्रीज़ कर दिया है और 10-12 लाख रूपए की राशि को सुरक्षित कर लिया गया है। पुलिस ने अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर किया है और अन्य की तलाश जारी है।
पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान फ़ोन कॉल या वीडियो कॉल से न डरें। कोई भी जाँच एजेंसी धनराशि ट्रांसफर करने को नहीं कहती है। ऐसी स्थिति में फंसने पर तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।