
भोपाल: पीएम नरेंद्र मोदी आज यानी शनिवार (31 मई) को भोपाल में आयोजित किए गए कार्यक्रम भव्य महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में पहुंचे, यह आयोजन आदरणीय महारानी और सुधारक देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के जम्बूरी मैदान में 'लोकमाता देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन' कार्यक्रम के दौरान अहिल्याबाई होल्कर को पुष्पांजलि अर्पित की। पीएम मोदी की यह यात्रा महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे के विकास पर गवर्नमेंट के बढ़ते ध्यान को बखूबी रेखांकित करती है। इतना ही नहीं केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय मध्य प्रदेश सरकार की मदद से भोपाल में दूरदर्शी सुधारक और सांस्कृतिक संरक्षक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जयंती को बड़े ही धूमधाम से मना रहे है। यह कार्यक्रम भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित किया जा रहा है।
वैसे तो महिलाओं पर आधारित इस प्रमुख कार्यक्रम में पीएम मोदी का प्रथम दौरा बताया जा रहा है, इसमें वह लगभग ढाई घंटे बिताने वाले है और 2 लाख से अधिक महिलाओं को संबोधित करते हुए दिखाई देंगे। सभा को संबोधित करने के साथ साथ, पीएम मोदी ने कई मुख्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया। इन्ही में से एक है इंदौर मेट्रो का सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर, साथ ही दतिया और सतना में नव विकसित हवाई अड्डे शामिल हैं।
भोपाल के जम्बूरी मैदान में 'लोकमाता देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा प्रधानमंत्री मोदी आज जिस तरह शासन व्यवस्था चला रहे है ऐसा लगता है कि देवी अहिल्याबाई के मार्ग पर ही पूरा शासन चल रहा है।
हवाई अड्डों का उद्घाटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दतिया और सतना हवाई अड्डों सहित कई विकास परियोजनों का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
इंदौर मेट्रो का शुभारंभ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर मेट्रो येलो लाइन के पांच स्टेशनों सहित 6 किलोमीटर लंबे सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर को हरी झंडी दिखाने वाले है।
स्मारक ₹300 का सिक्का और डाक टिकट जारी: खबरों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्के का विमोचन किया। इस सिक्के का वजन 35 ग्राम होगा इतना ही इसमें 50% चांदी होने वाली है एवं भारत में जारी होने वाला इस तरह का पहला सिक्का कहा जा रहा है।
राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई पुरस्कार: खबरें आ रही है कि पारंपरिक कला में उल्लेखनीय योगदान देने वाले जनजातीय और लोक कलाकारों को राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई पुरस्कार से सम्मानित किया जाने वाला है।
प्रदर्शनी का अवलोकन: पीएम नरेंद्र मोदी देवी अहिल्याबाई के शासन मॉडल, सांस्कृतिक योगदान और महिला सशक्तिकरण में उनके कार्यों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का दौरा कर सकते है।
ग्रामीण विकास को नया आयाम: ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस दिशा में 1,271 नए अटल ग्राम सेवा सदनों (ग्राम पंचायत भवनों) के निर्माण के लिए ₹483 करोड़ की पहली किस्त जल्द ही जारी की जाएगी।
जल अवसंरचना परियोजनाएं: उज्जैन, इंदौर, देवास और धार जिलों में ₹80 करोड़ से अधिक की लागत से बैराज, स्टॉप डैम और अन्य जल संरचनाओं के निर्माण कार्य शुरू किए जाएंगे। यह परियोजनाएं सिंचाई और जल संचयन की दिशा में अहम साबित होंगी।
महिला-केंद्रित पहलों की जानकारी प्रधानमंत्री को: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण से जुड़ी पहलों के बारे में जानकारी देंगे-
विशेष कार्यक्रम व्यवस्था और महिला भागीदारी
प्रधानमंत्री मोदी के साथ महिला मंत्री ने साझा किया मंच
सुरक्षा और महिला नेतृत्व
परिवहन और भीड़ प्रबंधन
इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती है। 140 करोड़ भारतीयों के लिए यह प्रेरणा का अवसर है, राष्ट्र निर्माण के लिए हो रहे भगीरथ प्रयासों में अपना योगदान देने का है। देवी अहिल्याबाई होल्कर कहतीं थी की शासन का सही अर्थ जनता की सेवा करना और उनके जीवन में सुधार लाना होता है।"
पीएम मोदी ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि देवी अहिल्याबाई भारत की विरासत की बहुत बड़ी संरक्षक थीं। जब देश की संस्कृति पर, हमारे मंदिरों, हमारे तीर्थ स्थलों पर हमले हो रहे थे, तब लोकमाता ने उन्हें संरक्षित करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने काशी विश्वनाथ सहित पूरे देश में हमारे अनेकों मंदिरों का, हमारे तीर्थों का पुनर्निर्माण करवाया। उन्होंने आगे कहा है कि यह मेरा सौभाग्य है कि जिस काशी में लोकमाता अहिल्याबाई ने विकास के इतने काम किए, उस काशी ने मुझे भी सेवा का अवसर दिया है। आज अगर आप काशी विश्वनाथ महादेव के दर्शन करने जाएंगे, तो वहां आपको देवी अहिल्याबाई की मूर्ति भी मिलेगी।"
अपने भाषण को जारी रखते हुए पीएम ने बोला है कि, जब 250-300 साल पहले देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। उस समय ऐसे महान कार्य कर जाना कि आने वाली अनेक पीढियां उसकी चर्चा करें, इस बारें में बोलना आसान है लेकिन करना बिलकुल भी आसान नहीं था। लोकमाता अहिल्याबाई ने प्रभुसेवा और जनसेवा को कभी अलग नहीं माना। कहते हैं कि वे हमेशा शिवलिंग अपने साथ लेकर चलती थी। उस चुनौतीपूर्ण कालखंड में एक राज्य का नेतृत्व, कांटों से भरा ताज, लेकिन लोकमाता अहिल्याबाई ने अपने राज्य की समृद्धि को नई दिशा दी।"