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नई दिल्ली : केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के चलते देश के कारोबारी माहौल में सुधार हुआ है और इसका परिणाम ये हुआ कि पूंजी बाजार में देश के ही नहीं, विदेश के निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। आज का भारत विदेशी निवेशकों का पसंदीदा निवेश स्थान बन चूका है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) गत वर्ष के मुकाबले 14 फीसद बढ़कर 81.04 बिलियन डॉलर हो गया है। जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान ये 71.28 बिलियन डॉलर था। कांग्रेस सरकार के समय वित्त वर्ष 2013-14 में ये 36.05 बिलियन डॉलर था। मोदी सरकार बनने के बाद से पिछले 11 वित्त वर्षों 2014-25 के बीच भारत में 748.78 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आया है, जो भारत पर बढ़ती विश्वसनीयता को दर्शाता है। यह कांग्रेस शासन के 11 वर्षों 2003-14 की तुलना में 143 प्रतिशत ज्यादा है। 2003-14 के बीच 308.38 बिलियन डॉलर का इनफ्लो हुआ था।
अर्थव्यवस्था में भारत विश्व में चौथे स्थान पर है। फॉरेक्स रिजर्व में भी चौथे स्थान पर है। pic.twitter.com/iiCsqSwOXn
— P.N.Rai (@PNRai1) May 29, 2025
अक्सर देश में महंगाई को लेकर चर्चा होती रहती है, सरकार किसी की भी हो, लेकिन महंगाई हमेशा से प्रमुख मुद्दा रहा है, जिसके पीछे आम जनता एकजुट होती है। किन्तु अब, महंगाई के मामले में आम लोगों को डबल राहत मिली है। खुदरा महंगाई के बाद थोक महंगाई में भी नरमी दर्ज की गई है।
देश के वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई दर कम होने का सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ता है। इससे आम जरूरत की चीज़ों के दाम घटने लगते हैं, जिससे आम जनता को काफी राहत मिलती है। यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत माना जाता है।
भारत की अर्थव्यवस्था ने लगाई लंबी छलांग!
— MyGov Hindi (@MyGovHindi) May 28, 2025
भारत अब बन चुका है दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था - जापान को पीछे छोड़ 4.19 ट्रिलियन डॉलर की #GDP के साथ नया इतिहास रचा गया!#IndianEconomy #ViksitBharat pic.twitter.com/qEvDPKlvaL
हालाँकि, देखा जाए तो इस समय पूरी दुनिया में हलचल मची हुई है, अमेरिका टैरिफ वॉर में उलझा हुआ है, कोरोना एक बार फिर दुनिया को डराने लगा है, हमास- इजरायल युद्ध ने भी विश्व की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डाला है, वहीं बीते 3 सालों से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की के चलते भी इस समय पूरी दुनिया मंदी और महंगाई से जूझ रही है। अमेरिका जैसे सबसे विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश भी महंगाई पर लगाम लगा पाने में नाकाम हो रहे हैं, वहीं भारत इस स्थिति में भी संयमित और दृढ़ गति से आगे बढ़ रहा है।
2014 में जब भारत में सबसे बड़ा सत्ता परिवर्तन हुआ था, उस समय देश वैश्विक अर्थव्यवस्था के मामले में 10वें स्थान पर था, और दुनिया की 5 सबसे कमज़ोर (Fragile) अर्थव्यवस्थाओं में हमारा नाम रखा जाता था। दुनिया उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था को इस नज़र से देखती थी कि ये कभी भी टूटकर बिखर सकता है, लेकिन आज स्थिति बदल गई है। आज 2025 में भारत पांच कमज़ोर अर्थव्यवस्थाओं से आगे बढ़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
जर्मनी की अर्थव्यवस्था 4.92 ट्रिलियन है, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जल्द ही जर्मनी को भी पार कर जाएगा और दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर इकॉनमी बन जाएगा।